कोरोना इंश्योरेंस का हो सकेगा रिन्यूअल, पूर्ण हेल्थ इंश्योरेंस में भी बदल पाएंगे पॉलिसीधारक

अगर किसी उपभोक्ता के पास कोरोना विशेष इंश्योरेंस है तो वह उसे अब पूर्ण हेल्थ इंश्योरेंस में तब्दील कर सकता है। इसका फायदा यह होगा कि उपभोक्ता को कोरोना इलाज के साथ अन्य बीमारियों के इलाज का कवर भी मिल जाएगा।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Wed, 14 Oct 2020 07:26 PM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 09:03 AM (IST)
कोरोना इंश्योरेंस का हो सकेगा रिन्यूअल, पूर्ण हेल्थ इंश्योरेंस में भी बदल पाएंगे पॉलिसीधारक
उपभोक्ता अब कोरोना विशेष इंश्योरेंस को रिन्यु भी करा सकेंगे। (PC: Pixabay)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अगर किसी उपभोक्ता के पास कोरोना विशेष इंश्योरेंस है तो वह उसे अब पूर्ण हेल्थ इंश्योरेंस में तब्दील कर सकता है। इसका फायदा यह होगा कि उपभोक्ता को कोरोना इलाज के साथ अन्य बीमारियों के इलाज का कवर भी मिल जाएगा। वहीं, उपभोक्ता अब कोरोना विशेष इंश्योरेंस को रिन्यु भी करा सकेंगे। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए यह निर्देश जारी किया है।

इंश्योरेंस विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना विशेष इंश्योरेंस सिर्फ कोरोना संक्रमण से जुड़े इलाज के कवर के लिए है जिसे इस साल जुलाई के दौरान इंश्योरेंस कंपनियों ने बेचना शुरू किया है। इरडा ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों को कोरोना कवर के लिए कोरोना कवच और कोरोना रक्षक नामक विशेष पॉलिसी बेचना अनिवार्य कर रखा है। न्यूनतम साढ़े तीन महीने के लिए इस पॉलिसी को खरीदा जा सकता है। पहले इस पॉलिसी को रिन्यु कराने का प्रावधान नहीं रखा गया था। लेकिन अब इस पॉलिसी को 3.5 महीने, 6.5 महीने और 9.5 महीने के लिए रिन्यु कराया जा सकेगा।

हालांकि, इरडा के निर्देश के मुताबिक कोई भी रिन्युअल 31 मार्च, 2021 तक ही मान्य होगा। कोरोना विशेष पॉलिसी के रिन्यूअल के दौरान पॉलिसी के मान्य होने में 15 दिनों का प्रतीक्षा काल लागू नहीं होगा। कोरोना कवच और कोरोना रक्षक पॉलिसी के नियम के तहत इसकी खरीदारी के 15 दिनों के बाद कोरोना से पीडि़त होने पर ही पॉलिसी के तहत इलाज की सुविधा मिलती है।

इंश्योरेंस विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना कवच और कोरोना रक्षक पॉलिसी को पूर्ण स्वास्थ्य बीमा में बदलने से उपभोक्ता को कोरोना के साथ किडनी, कैंसर, दिल और लीवर जैसी गंभीर बीमारियों का भी इलाज मिल जाएगा। इलाज पर होने वाले अधिकतम खर्च सीमा को बढ़ाने पर उपभोक्ता को अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करना होगा।

उपभोक्ता को दूसरा फायदा यह होगा कि कई इंश्योरेंस कंपनियां इंश्योरेंस कराने के कुछ समय बाद गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च देती है। अगर किसी उपभोक्ता ने इस साल जुलाई में कोरोना विशेष पॉलिसी की खरीदारी की है और वह अगले साल मार्च में इस पॉलिसी को पूर्ण इंश्योरेंस में तब्दील करता है तो उसका प्रतीक्षा समय इस साल जुलाई से मान्य होगा।

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