देश में Real Estate सेक्टर में NRIs के लिए है ढेरों अवसर, इस तरह उठा सकते हैं फायदा

Indian Real Estate Sector भारतीय रियल एस्टेट पारंपरिक रूप से वैश्विक भारतीय के लिए एक पसंदीदा विकल्प रहा है और कोविड-19 के बाद की दुनिया में यह कई सारे अच्छे कारणों से और भी अधिक पसंदीदा बन गया है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 05:29 PM (IST) Updated:Thu, 08 Jul 2021 06:55 AM (IST)
देश में Real Estate सेक्टर में NRIs के लिए है ढेरों अवसर, इस तरह उठा सकते हैं फायदा
भारत में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा है।

नई दिल्ली, निरंजन हीरानंदानी। धन-सृजन यानि वेल्थ क्रिएशन के दृष्टिकोण से, वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में कोविड-19 महामारी और इसके चलते पड़े आर्थिक प्रभाव ने रियल एस्टेट में काफी सारे नए अवसर पैदा किए हैं, जिसका आकलन और मूल्यांकन प्रवासी भारतीयों ने किया है और वे निवेश के अवसर तलाश रहे हैं। भारतीय रियल एस्टेट पारंपरिक रूप से वैश्विक भारतीय के लिए एक पसंदीदा विकल्प रहा है, और कोविड-19 के बाद की दुनिया में, यह कई सारे अच्छे कारणों से और भी अधिक पसंदीदा बन गया है। इसके साथ भावनात्मक पहलू भी जुड़ा हुआ है और अपने देश में एक घर और घर वापसी की संभावनाएं भी बनाए रखता है। एक निवेश के नजरिए से, यह किराये की आय का स्थिर प्रवाह भी बनाए रख सकता है। इसके साथ ही रिएल एस्टेट के दाम बढ़ने पर पूंजी पर अच्छा खासा रिटर्न भी प्राप्त हो सकता है।

भारतीय विकास का पहिया तेजी पकड़ने के लिए तैयार है क्योंकि अर्थव्यवस्था बेहतर हो रही जीडीपी दृष्टिकोण के साथ धीरे-धीरे ठीक हो रही है। आने वाले त्योहारों के दिनों को देखते हुए मांग और खपत में वृद्धि होना तय है और राजकोषीय प्रोत्साहन, सरकार द्वारा बूस्टर डोज और कम दरों पर आसानी से उपलब्ध होम लोन को बनाए रखने के लिए नियामक संस्थानों में भी तालमेल बना हुआ है। हालात काफी तेजी से सामान्य हो रहे हैं और अलग अलग सेक्टर में तेजी आ रही है, वैक्सीन के टीकाकरण में तेजी, इसके साथ ही बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से निर्माण करने के लिए सार्वजनिक खर्च में वृद्धि व्यापक तौर पर हालात को बेहतरी की तरफ लेकर जा रही है।

ये सभी कारक भारतीय रियल एस्टेट के व्यापक और संपूर्ण विकास में योगदान दे रहे हैं क्योंकि यह अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालने वाले सभी 14 प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और प्रेरित प्रभावों के मामले में तीसरे स्थान पर है। भारतीय रियल एस्टेट सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का लगभग 7 प्रतिशत और कुल रोजगार का 15 प्रतिशत हिस्सा देता है। इसलिए, रियल एस्टेट सेक्टर का विकास अर्थव्यवस्था के तेज विकास के लिए अनिवार्य है।

वैश्विक करेंसी अनुपात का माहौल भी प्रवासी भारतीयों को एक अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है।

कोविड-19 के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में कंसौलीडेशन अब न्यू नार्मल है और 2020 की चौथी तिमाही के दौरान ऑफिस स्पेस की लीजिंग और ऑफ-टेक में काफी तेज वृद्धि हुई है, और 2021 एक 'अपडेटेड' रियल एस्टेट की संभावनाओं को बढ़ा रहा है। डेटा सेंटर और लाइट इंडस्ट्रियल-कम-लॉजिस्टिक्स पार्क भी तेजी से ग्रोथ सेगमेंट में विकसित हो रहे हैं, और वैश्विक भारतीय, व्यापक संभावनाओं के साथ साल 2021 में निवेश के लिए इसमें उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।

भारतीय अचल संपत्ति में निवेश हमेशा प्रवासी भारतीय निवेश रणनीति का एक अभिन्न अंग रहा है और कोविड-19 के कारण पैदा हुए माहौल के मद्देनजर एक पसंदीदा निवेश ऑफर के तौर पर काफी तेजी से उभरा है।

भारतीय रियल एस्टेट में नई प्रॉपर्टीज को खरीदने या निवेश करने का सुरक्षित और सुरक्षित पहलू भी सामने आए है। दरअसल, विशेष रूप से बनाए गए नए कानूनों और नए नियामक के दौर में प्रॉपर्टी काफी हद तक सुरक्षित है और ऐसे में ये निवेश के लिए काफी उपयोगी उत्पाद के तौर पर सामने उपलब्ध हैं।

वैश्विक स्तर पर कोविड महामारी के चलते लगे लॉकडाउन ने कई तरह के संकट पैदा किए हैं और इस माहौल वैश्विक रूप से चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच सुरक्षा, सुरक्षा और स्थिरता के आधार पर भारतीय रियल एस्टेट में निवेश के महत्व को बढ़ा दिया है।

2020 के दौरान, असुरक्षित वैश्विक स्तर पर जॉब मार्केट, विदेशों में काम करने वाली आबादी के भारतीयों के रिवर्स माइग्रेशन और रिमोट वर्क यानि वर्क फ्रॉम होम के बढ़ते रूझानों ने इस जरूरत को बढ़ाया है कि एनआरआई के पास भारत में भी अपने रहने के लिए एक घर है। उनके लिए किसी भी समय अपने मूल देश में आने पर एक सुरक्षित आश्रय हमेशा उनको संभालने के लिए तैयार है।

अब, मॉडल टेनेंसी एक्ट की शुरुआत के साथ, भारतीय रेंटल मार्केट तेजी से विकसित होने और बढ़ी हुई पारदर्शिता के लिए तैयार है जो काफी हद तक स्थिर रिटर्न अर्जित करने के लिए बाजारों में नए घर खरीदने को रूझानों को बढ़ावा देगा। भारतीय रियल एस्टेट में दोहरे दृष्टिकोण से कई निवेश विकल्पों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है; यानी, एंड यूजर्स के साथ-साथ निवेश पर रिटर्न भी मिलने की काफी अधिक संभावना है।

भारतीय डेवलपर्स ने प्रमुख रियल एस्टेट बाजारों में प्रॉपर्टीज को लेकर ग्राहकों की पूछताछ में अच्छी खासी वृद्धि को दर्ज किया है, जिससे खरीदारी करने के लिए कई अनुकूल कारकों के साथ संभावित बिक्री की संभावनाएं काफी अधिक बढ़ गई है। वैश्विक भारतीय अपने मूल शहरों से लेकर अपने गृहनगर के निकट उभरते रियल एस्टेट हॉट स्पॉट स्थानों तक, भारत में प्रॉपर्टी के विकल्पों का मूल्यांकन कर रहे हैं।

अपने हाथ में कई सारे विकल्पों के साथ, वैश्विक भारतीय काफी बेहतर प्रॉपर्टीज को ’चुनें और खरीदनें’ की स्थिति में हैं। मौजूदा बाजार के विकास में आकर्षक प्रॉपर्टी की कीमतें, उपलब्ध प्रॉपर्टीज की विस्तृत श्रृंखला और फ्लेक्सी भुगतान योजनाएं और ऑफ़र शामिल हैं; ये वैश्विक भारतीय के लिए बातचीत करने और सौदे को सफल बनाने का शुभ संकेत है।

आज के दौर में डिजिटल तौर पर सेल्स और मार्केटिंग ने भी रियल एस्टेट बाजार को काफी हद तक बदला है। नई नई तकनीकों के साथ तैयार किए गए टूल्स से प्रवासी भारतीयों को वर्चुअल ही इन प्रॉपर्टी साइट्स की विजिट करने, लोकेशन को समण्ने और आगुमेंटेड रियल्टी के साथ लेआउट समझने और ऑनलाइन भुगतान गेटवे के माध्यम से बुक करने की आसान सुविधाएं मिल रही हैं। जिससे कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने का पूरा प्रोसेस काफी पारदर्शी और तेज हो जाता है। इस बदलते हुए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण भारत में ’व्यापार करने में आसानी’ के माहौल ने प्रवासी भारतीय के लिए फिजिकल तौर पर अपनी मौजूदगी को लेकर सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने में काफी अधिक मदद की है।

वैश्विक भारतीय के लिए, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, भारतीय प्रॉपर्टीज में निवेश करने का यह एक अच्छा अवसर है। ऐसे में बेस्ट ऑफर्स को हासिल करने और अपने रॉक बॉटम पर इनवेस्टमेंट साइकिल में प्रवेश करने और लंबे समय में पूंजीगत लाभ प्राप्त करने का ये पूरी तरह से उपयुक्त मौका है।

भारतीय रियल एस्टेट ने 'न्यू नार्मल' के लिए अनुरूप बनाया गया है, जिसमें 'घर से काम' और 'रिमोट लोकेशन वर्क' मॉडल का नया चलन भी शामिल है। 'मिशन अनलॉक' अर्थव्यवस्था में कई नए कंपनियों को भी अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देगा और रेंजीडेंशियल एरिया के निकट, पर्सनल बुटीक ऑफिस लोकेशन से बाहर काम करते हुए, मल्टी-सर्विस इंडस्ट्री का हिस्सा बनने के लिए आगे बढ़ाएगा।

यह एक मिलियन-डॉलर प्रश्न है, यह देखते हुए कि वी-आकार की रिकवरी को देखते हुए भारतीय जीडीपी आउटलुक जल्द ही सकारात्मक होने की ओर अग्रसर है, और इसमें पहले से ही वैश्विक संस्थागत कंपनियां अपने भारतीय रियल एस्टेट निवेश पोर्टफोलियो में वृद्धि पर दांव लगा रहे हैं। यह सभी पहलू वैश्विक भारतीय के लिए भी भारतीय रियल एस्टेट सफलता की कहानी का हिस्सा बनने के लिए एकदम सही विकल्प के तौर पर हमारे सामने है।

(लेखक नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)

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