शेयर बाजार में गिरावट आने पर इन Stocks में लगा सकते हैं पैसे, एक्सपर्ट ने सुझाए ये नाम
पिछले सत्र में घरेलू शेयर बाजारों में थोड़ा करेक्शन देखने को मिला। हालांकि यह करेक्शन टैपरिंग न्यूज की वजह से देखने को मिली। आपको यह समझना होगा कि टैपरिंग न्यूज से आपको ऐसे अच्छे शेयरों में पैसा लगाने का मौका मिल जाता है।
नई दिल्ली, किशोर पी ओस्तवाल। पिछले सत्र में घरेलू शेयर बाजारों में थोड़ा करेक्शन देखने को मिला। हालांकि, यह करेक्शन टैपरिंग न्यूज की वजह से देखने को मिली। आपको यह समझना होगा कि टैपरिंग न्यूज से आपको ऐसे अच्छे शेयरों में पैसा लगाने का मौका मिल जाता है जो करेक्शन की वजह से गिर गए हैं। सिंगापुर एक्सचेंज लिमिटेड (SGX) गुरुवार को लुढ़ककर 16,260 अंक के स्तर पर आ गया था। हालांकि, शुक्रवार को इसने एक फिर बाउंस बैक किया और 16,500 अंक के स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी 16,450 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इस तरह कहा जा सकता है कि इसमें अगले दो सत्र में स्थिरता आ जाएगी। ऐसी स्थिति में हम एक बार विदेशी निवेश और आने वाले कुछ महीनों में असर पर बात करेंगे।
आइए 2020 से विदेशी निवेशी के पैटर्न पर बात करते हैंः
14,000 करोड़ रुपये- जनवरी-फरवरी 2020
(-) 69,000 करोड़ रुपये- मार्च-अप्रैल 2020
2,25,000 करोड़ रुपये- मई-दिसंबर 2020
53,000 करोड़ रुपये- जनवरी-अगस्त, 2021
इस तरह देखा जाए तो कोविड-19 महामारी के आने के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2,78,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह रकम करीब 37.5 बिलियन डॉलर के आसपास बैठती है।
कोविड-19 से पहले 14,000 करोड़ रुपये का FPI आया था। हालांकि, मार्च में अभूतपूर्व कोविड-19 संकट की वजह से बाजार में जबरदस्त उथल-पुथल देखने को मिला था और विदेशी निवेशकों ने 69,000 करोड़ रुपये इक्विटी मार्केट से निकाल लिए थे। लेकिन उसके बाद तिमाही नतीजे का असर दिखने लगा। इसके बाद विदेशी निवेशकों ने महज सात महीने में 30-31 बिलियन डॉलर का निवेश किया। यह वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान किए गए कुल विदेशी निवेश का दोगुना रहा।
वर्तमान कैलेंडर वर्ष में भी विदेशी निवेशकों के जमकर निवेश करने के बावजूद हम यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं कि मार्केट बुल रन में है और हम करेक्शन की वजहें तलाश रहे हैं। बाजार की वर्तमान रैली में भागीदार नहीं रहने वाले निवेशक चाहते हैं कि बाजार में करेक्शन आए। ऐसे में टैपरिंग को लेकर थोड़ी-बहुत हलचल होने पर भी बीयर्स हरकत में आ जाते हैं। बीयर्स किसी भी तरह का मौका निकालने की ताक में हैं लेकिन बुल्स काफी अधिक तेजी का लाभ उठा रहे है। विभिन्न कंपनियों के IPOs की जबरदस्त सफलता से ऐसा देखने को भी मिल रहा है।
यहां आपको बता दें कि पिछले सात साल में भारत में निवेश को लेकर नजरिया बदला है। पहले कई ऐसे निवेशक थे जो चीन पर दांव लगाने को तरजीह देते थे लेकिन अब वे भी भारत में निवेश करना चाहते हैं।
आइए हम एक बार फिर इस बात के अंतर को देखते हैं कि करेक्शन और बीयर मार्केट में क्या फर्क है। हम आपको 2008 के Lehman Crisis की याद दिला दें जब सेंसेक्स गिरकर 7,500 पर आ गया था। किसी ने नहीं कहा कि बाजार कभी 21,000 अंक के स्तर तक पहुंचेगा, लेकिन सीएनआई ने ऐसा कहा था। अगर आप सुबूत देखना चाहते हैं तो सीएनआई बैलेंस शीट 2008 का मुख्य पृष्ठ देख लीजिए। हमने सेंसेक्स के लिए 21,000 अंक का टार्गेट रखा था। अब वर्ष 2020 को ही ले लीजिए जब हमने 55,000 का टार्गेट रखा था। हर लक्ष्य साल-दर-साल पूरा होते जा रहा है। अब तक सही साबित होने के बाद हमारे 2021 की वार्षिक रिपोर्ट का इंतजार कीजिए, जिसके लिए हमने 66,000 अंक का टार्गेट तय किया है।
अब मौजूदा परिस्थितियों की बात करते हैं। करेक्शन एक प्रोसेस है और यह अच्छा भी है। जब तक मार्केट में करेक्शन नहीं आएगा, वह ऊपर की तरफ नहीं चढ़ेगा। हमने यह बात तब भी कही थी जब बाजार 15,000 अंक से करेक्ट होकर 14,200 अंक के स्तर पर आ गया था। ऐसा कई मौकों पर देखने को मिला लेकिन हमने 15,900 अंक का टार्गेट सेट किया था। यहां तक कि 15,900 अंक का स्तर भी एक बड़ा ट्रिपिंग प्वाइंट साबित हुआ है और उसके बाद बाजार उछाल के साथ 16,700 अंक के स्तर पर पहुंच गया।
कभी-कभी बाजार में करेक्शन के लिए एक भी टैपरिंग प्वाइंट काफी होता है। पी नोट सबसे बड़ा कारक साबित हुआ। इसके बाद यूपी इलेक्शन, यूएस इलेक्शन, तीन राज्यों में चुनाव, चीन के साथ सीमा विवाद, कोरिया इश्यू, लॉकडाउन, कोरोना की दूसरी लहर, ऑक्सीजन व दवा और अस्पतालों में बेड की कमी जैसी चीजें सामने आईं।
वैक्सीनेशन में कमी और तीसरी लहर की आशंका के बाद अब यह टैपरिंग। जो लोग भी इस तरह के करेक्शन को लिवाली के मौके के तौर पर देखते हैं, उन्होंने हर बार पैसा बनाया है। जिन लोगों ने भी किसी भी तरह से मार्केट को टाइम करने की कोशिश की है, वे मार्केट में 70 से 80 फीसद की तेजी का लाभ उठाने में विफल रहे। निफ्टी को 30,000 अंक का स्तर छूना है। जो लोग इस मौके का फायदा उठाएंगे वे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी बन सकते हैं।
इन कंपनियों में कर सकते हैं निवेश
हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में PE Ratio पर बात की थी। हमारा मानना है कि करेक्शन लंबी अवधि तक नहीं रहेगा और जो लोग भी मार्केट को टाइम करने की कोशिश करेंगे, वे बड़ा फायदा नहीं ले पाएंगे। वास्तव में हम लोग इस तरह के करेक्शन की उम्मीद कर रहे थे। जिन स्टॉक्स में गिरावट आई है, उन्हें होल्ड करके रखिए। आप अपने पोर्टफोलियो में Global Offshore Services Ltd, Asian Energy के शेयरों को ऐड कर सकते हैं, जिनकी पहली तिमाही का परिणाम शानदार रहा था।
वहीं, वैश्विक स्तर पर लौह अयस्कों के दाम में गिरावट के बावजूद NMDC, SAIL हमारी पहली पसंद वाले स्टॉक में शामिल होंगे। इसकी वजह है कि आने वाले कई वर्षों तक मेटल स्टॉक में तेजी जारी रहेगी।
(लेखक CNI RESEARCH LTD के CMD हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)