Share Market Tips : इन शेयरों में निवेश कर कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा, एक्सपर्ट से जानिए कैसे बनाएं रणनीति

Share Market Tips वर्ष 2017 (सेबी द्वारा लार्ज कैप मिड कैप और स्मॉल कैप के दिशा-निर्देशों में बदलाव के बाद बड़ी गिरावट) भी भारतीय इक्विटी निवेशकों के लिए एक आशाजनक और सुखद समय लेकर आया था। उस समय मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी तेजी रही।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 06:56 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 06:37 AM (IST)
Share Market Tips : इन शेयरों में निवेश कर कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा, एक्सपर्ट से जानिए कैसे बनाएं रणनीति
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नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। 15750 का स्वाद चखने के बाद निफ्टी 15700 पर बंद हुआ और यह हमारे 15900 के पहले लक्ष्य से बहुत दूर नहीं है। यह हमें पहले से पता था कि निफ्टी के 15100 के पार करने के बाद कई विश्लेषक निफ्टी के लिए 15600, 15700, 15800 और 15900 का लक्ष्य देते हुए दिखाई देंगे, लेकिन जब निफ्टी 14200 के स्तर पर संघर्ष कर रहा था, तब यह लक्ष्य कोई नहीं दे रहा था। ये सभी विश्लेषक 13800, 12500 और 12000 के लक्ष्य के साथ सेल कॉल दे रहे थे और उनका आधार बढ़ते कोरोना के मामले, ऑक्सीजन की कमी और वैक्सीन की कमी थे। वास्तव में, कई विश्लेषकों ने अर्थशास्त्र को समझे बिना पीएम मोदी को इस तरह कठघरे में खड़ा कर दिया, जैसे कि वे इन सभी संकटों के लिए जिम्मेदार थे। यह निश्चित रूप से एक ओवर रिएक्शन था और स्मार्ट व चतुर निवेशक हमेशा ऐसे समय का उपयोग धैर्यपूर्वक खरीदारी करने में करते हैं। यह कहा भी जाता है कि बेयर मार्केट निवेशकों का सबसे अच्छा दोस्त होता है।

वर्ष 2017 (सेबी द्वारा लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप के दिशा-निर्देशों में बदलाव के बाद बड़ी गिरावट) भी भारतीय इक्विटी निवेशकों के लिए एक आशाजनक और सुखद समय लेकर आया था। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी तेजी रही और उन्होंने हर हफ्ते नई ऊंचाईयां हासिल कीं। यहां तक ​​कि शौकिया निवेशकों ने भी पोर्टफोलियो स्तर पर 100 फीसद से अधिक का लाभ कमाया। कई शेयरों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। उस समय पैसा कमाना बहुत आसान था। साल 2020 में भी ऐसा ही हुआ था, जब निफ्टी 7500 तक गिर गया था। इतिहास दोहराया गया और यह एक ट्रेंड बनता जा रहा है। ट्रेडर्स और पंटर्स ने शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग गेन्स के लिए बाजार को दबाने की कोशिश की, इससे निवेशकों को बिन चाहे बढ़िया मौके मिले, लेकिन केवल उन्हीं को, जो इस बिजनेस के बारे में जागरूक हैं।

सीएनआई में हमने 2008 से अब तक इन सभी गिरावटों का स्वागत किया और इन अवसरों को अपने सदस्यों के लिए उपलब्ध कराया व उन्होंने हर बार इन अवसरों को चुना है। लेकिन यह कब संभव है...? यदि आप हवा के साथ चलते हैं, मीडिया समाचारों पर भरोसा करते हैं, जो ज्यादातर अतिरंजित होते हैं और अफरा-तफरी में ट्रेड कर हैं, तो आप हमेशा फंसते हैं। इसके बजाय, यदि आप समय के साथ कोविड संक्रमण के मामलों में कमी आने, ऑक्सीजन की व्यवस्था किये जाने और टीकों के प्रबंधन जैसी स्थितियों सहित सकारात्मक तर्ज पर सोचते हैं, तो आप इन गिरावटों को अवसरों के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

पहले टीकों की स्वीकारिता लोगों में कम थी। हालांकि, सरकार ने टीकाकरण अभियान शुरू किया और समय के साथ सभी ने महसूस किया कि यह पूरी तरह से आवश्यक है। शुरुआत में, सरकार ने 15 करोड़ लोगों को मुफ्त में टीका लगाया। जब उन्हें पता चला कि लोगों ने अब टीकों को स्वीकार कर लिया है, तो उन्होंने चुपचाप इसे मुफ्त से सशुल्क मॉडल में बदल दिया, यह अच्छी तरह से जानते हुए कि राज्य टीकों के लिए खर्च नहीं करेंगे। यह सच साबित हुआ। अधिकांश राज्यों ने टीकों का ऑर्डर नहीं दिया है, जबकि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के लिए रियायती कीमतें तय की हैं।

देश में लोगों पर टीकों का खर्च हम मानते हैं (हम गलत भी हो सकते हैं ) कि 1.8 लाख करोड़ रुपये (प्रति टीका 600 रुपये की औसत दर मानते हुए) होगा। मीडिया ने हाल ही में एक स्टोरी चलाई कि कैसे अस्पताल पैसा कमा रहे हैं। व्यवस्थित रूप से, बोझ सरकार से निजी अस्पतालों में स्थानांतरित हो गया है और 7 करोड़ लोगों ने भुगतान करके टीके लगा लिए हैं। बाजार जानता है कि लोग 1.8 लाख करोड़ रुपये खर्च करेंगे, लेकिन जब सरकार की बात आती है, तो वित्त का प्रबंधन करना मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि बाजार 14200 के निचले स्तर से उछलकर 15750 पर पहुंच गया।

अप्रैल/मई 2020 में भी इसी तंत्र का इस्तेमाल किया गया था, जब सरकार ने पेट्रोल की कीमतों को ऊंचा रखा था। उस समय भी, हमने विस्तार से बताया था कि मार्केट ने इसे क्यों स्वीकार किया और अपनी ऊपर की यात्रा शुरू करने का फैसला किया। राजनीतिक रूप से यह गलत हो सकता है, लेकिन आर्थिक रूप से यह सही है, क्योंकि गरीब लोग कारों का उपयोग नहीं करते हैं। जो लोग 10, 20, 50 और 100 लाख रुपये की कार खरीदते हैं, वे पेट्रोल के लिए 10, 20 या 30 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त भुगतान कर सकते हैं।

खैर, यह अब बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि दिसंबर के अंत तक हम भारत में 80 से 90 फीसद टीकाकरण कर चुके होंगे। एक बार यह हो जाने के बाद, आर्थिक गतिविधि तेज गति पकड़ लेगी, हालांकि, यह अब भी ज्यादा प्रभावित नहीं है। लेकिन तथ्य यह है कि विश्लेषकों और मीडिया का वही वर्ग उस समय सुनहरे चित्रों को चित्रित करना शुरू कर देगा, लेकिन हमें यकीन है कि उस समय हम निफ्टी के 17500 का आंकड़ा पार करने के बाद एग्जिट मोड में होंगे।

अब वर्तमान परिदृश्य पर वापस आते हैं। हाँ, कुछ उत्साहपूर्ण गतिविधि देखी गई है, लेकिन यह अभी शुरुआत है और कोई गंभीर गिरावट नहीं दिखाई दे रही है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तेजी है। जिन शेयरों ने अब तक रैली में भाग नहीं लिया है, उनमें तेजी आने लगी है। सबसे महत्वपूर्ण पहलू जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है, वह यह है कि इसमें सार्वजनिक भागीदारी अधिक है, लेकिन मात्रा कम है, क्योंकि सेबी अब 125 फीसद मार्जिन लेकर आया है। नई मार्जिन व्यवस्था की वजह से कई अनुभवी निवेशकों को भी लिमिट्स नहीं मिल रही है। इसने सिस्टम को सेल्फ सपोर्ट मिला है। अगर लीवरेज नहीं है, तो बड़ी गिरावट संभव नहीं है। दूसरा, उत्साहपूर्ण रैली के साथ, निवेशक लंबे समय तक स्टॉक नहीं रख रहे हैं। वे 5 से 10 फीसद लाभ में खुशी-खुशी बाहर निकल रहे हैं। इसका मतलब है कि गिरावट का डर अभी भी उनके मन में मंडरा रहा है। लेकिन ध्यान रहे कि बाजार किसी के चाहने पर कभी नहीं गिरता।

रिलायंस (RIL), जिसके बारे में हमने कहा था कि वह सबसे ऊपर जाएगा, क्योंकि यह सबसे बड़ा सूचकांक खींचने वाला शेयर है। अब इसकी एजीएम (AGM) 24 जून को रखी गई है, जो कि जून महीने की एक्सपायरी का भी दिन है। इसका मतलब यह भी है कि जून में कोई बड़ा झटका नहीं लग सकता है।

सरकार ने रिफॉर्म्स को गति दी है, जो एक अच्छा संकेत है। बैड बैंक (Bad Bank) के बाद, (जल्द ही इसे चालू देखा जा सकता है) खराब ऋण का मुद्दा हल हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, अनिल अंबानी समूह समेत कई प्रमोटरों ने कर्ज चुकाना और कर्ज पुनर्गठन शुरू कर दिया है, जो एक सुखद आश्चर्य है। किराया अधिनियम एक और सुधार है, जो बहुत आगे तक जाएगा। हम मानसून सत्र में कई साहसिक रिफॉर्म्स देख सकते हैं और राज्यसभा के बहुमत के साथ, यह बहुत आसान है। वे दिन लद गए जब लोकसभा और राज्यसभा के बीच सालों तक बिलों को घुमाया जाता था।

बाजार को तीन खंडों में बांटा गया है। पहला है- लार्ज कैप, जो इंडेक्स के साथ चल रहा है, दूसरा है मिड कैप और स्मॉल कैप, जो डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हैं। तीसरा है पुनर्गठन के मामले। तीनों सेगमेंट में हमारी मौजूदगी है। पहली श्रेणी में हमारे पास 13 वर्षों में 90% की सफलता दर है, लेकिन केवल पोजीशनल है। दूसरी और तीसरी श्रेणी में, सीएनआई के पास शोध क्षेत्र और अनुभव है। सभी स्मॉल कैप जिन पर शोध किया गया और सदस्यों के साथ साझा किये गये, उनमें 40 से 100 फीसद की तेजी आई, लेकिन इन सभी शेयरों में सामान्य विशेषता यह है कि वे बॉटम अप स्टॉक थे, जो विफलता के न्यूनतम जोखिम के साथ चलते हैं।

SGX में, निफ्टी 15778 पर है और जैसा कि बताया गया है, हमारा मानना ​​है कि जून में ऊपर की ओर बढ़ना जारी रहेगा। गिरावट, यदि कोई होगी, तो पहले स्तर की होगी। यह 2 फीसद से ज्यादा नहीं होगी। तीसरे स्तर की गिरावट (यानी 10%) 17500 से पहले नहीं देखी जाएगी। हालांकि, हम इसकी समीक्षा तब करेंगे, जब निफ्टी 16600 के अपने दूसरे लक्ष्य तक पहुंच जाएगा।

(लेखक cniresearchltd.com के सीएमडी हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

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