Share Market Tips: आने वाला है आम बजट, क्या बाजार में आएगी भारी गिरावट? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Share Market Tips भारत की जीडीपी 2.6 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गयी है यह पिछले आंकडें 2.4 ट्रिलियन डॉलर से रिकवरी दिखाता है। इसी समय भारत का एम-कैप (बीएसई) 97 फीसद का रेश्यो बनाते हुए 2.67 ट्रिलियन डॉलर है जो बाजार के दृष्टिकोण के हिसाब से अभी भी सहज है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 06:28 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 11:01 AM (IST)
Share Market Tips: आने वाला है आम बजट, क्या बाजार में आएगी भारी गिरावट? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Share market Investment tips P C : Pixabay

नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। जब पिछले हफ्ते हमने यह कॉलम लिखा था, तब एफपीआई निवेश 5000 करोड़ रुपये से भी कम था, जो निवेश की निरंतरता को लेकर संदेह पैदा कर रहा था। इस बीच निफ्टी नई ऊंचाई पर पहुंच गया और स्ट्रीट से यह बात हजम नहीं हो रही है। हर किसी को गिरावट की उम्मीद है। हमने भी पिछले सप्ताह अपना विचार रखा था कि गिरावट केवल बजट जैसे मजबूत इवेंट के साथ ही आ सकती है, क्योंकि मौजूदा उछाल के क्रम को तोड़ना काफी कठिन लगता है। गुरुवार के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में 18,490 करोड़ रुपये का एफपीआई निवेश आ चुका है। यह नवंबर 2020 और दिसंबर 2020 की तुलना में तो कम है, लेकिन उछाल के क्रम को बनाए रखने के लिए पर्याप्त है।

निफ्टी में शुक्रवार को थोड़ी गिरावट आई। इसका कारण अमेरिकी बाजार के वायदा में कमजोर होना था। भारत की जीडीपी वर्तमान में 2.6 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गयी है, यह पिछले मूल्यांकन आंकडें 2.4 ट्रिलियन डॉलर से रिकवरी दिखाता है। इसी समय भारत का एम-कैप (बीएसई) 97 फीसद का रेश्यो बनाते हुए 2.67 ट्रिलियन डॉलर है, जो बाजार के दृष्टिकोण के हिसाब से अभी भी सहज है। 120 फीसद पर हमें बेहद सतर्क रहना चाहिए। पीई के स्तर पर देखें, तो हम पहले से ही खतरे के निशान पर हैं, लेकिन यहां एक वैकल्पिक तर्क है, हमें 2022 पर छूट देनी होगी जो 1 साल आगे का पीई है, इसलिए इससे वास्तव में कोई फर्क नहीं पड़ता। 2022 पीई 24 आता है, इसलिए यह उचित लगता है, विशेष रूप से जब, तब अभूतपूर्व एफपीआई निवेश आ रहा हो। 

हमने केवल नवंबर और दिसंबर महीने में ही 1,22,000 करोड़ रुपये का एफपीआई निवेश देखा है और जनवरी में अब तक हम 18,500 करोड़ रुपये का इनफ्लो देख चुके हैं, जो अभी भी काफी उच्च है। मई 2020 से संचयी इनफ्लो 35 बिलियन डॉलर है और हम 40 से 50 बिलियन के और इनफ्लो की उम्मीद कर रहे हैं। अमेरिका ने गुरुवार को 1.9 ट्रिलियन डॉलर के राहत पैकेज पर मुहर लगाई है, इसका मतलब है कि अभी और इनफ्लो आएगा।

जब तक इस तरह एफपीआई निवेश आता रहेगा, तब तक बाजार में उछाल जारी रहेगी। साथ ही हमें पर्याप्त सावधानी बरतने की भी जरूरत है, क्योंकि एक बड़ा इवेंट पास आ रहा है। पूरा विश्व इस ड्रीम बजट के बारे में बात कर रहा है। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि यह सौ सालों का बेस्ट बजट होगा। अब बजट की इंजीनियरिंग को देखना काफी दिलचस्प हो गया है।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित राजस्व 20,20,926 करोड़ है, जो पिछले साल के आंकड़े 18,50,101 करोड़ से 9.23 फीसद अधिक है। राजस्व के इस आंकड़े तक पहुंचने की कोई उम्मीद नहीं है। राजस्व घाटा, जिसका अनुमान 3.8 फीसद लगाया गया था, वह करीब छह फीसद तक जा सकता है। कर राजस्व में बड़ी कमी रही है। पिछले साल सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कमी की थी। सरकार ने इसे 25 फीसद कर दिया था और नई कंपनियों के लिए 15 फीसद कर दिया था। 

विनिवेश भी न के बराबर हुआ है। बीपीसीएल से सरकार 90,000 करोड़ रुपये प्राप्त करने की उम्मीद कर रही है। अगर बीपीसीएल डील अगले 15 दिनों में नहीं होती है, तब अगर सरकार विनिवेश के खाते में अन्य एक लाख करोड़ क्रेडिट का दावा भी कर देती है, तो भी इससे बाजार पर फर्क नहीं पड़ेगा। इंडिविजुअल्स भी डिविडेंड टैक्स से जूझ रहे हैं, जो पिछले बजट में कंपनियों से इंडिविजुअल्स में आ गया था। डिविडेंट पर टीडीएस ने निश्चित रूप से चीजों को और अधिक जटिल बना दिया है।

यह कहने के बाद, भले ही हमारे पास वित्त मंत्री के इरादों पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है, लेकिन सवाल यह है कि 100 साल का सबसे अच्छा ड्रीम बजट हमारे लिए क्या लाएगा। इसमें सुधारों के लिए अच्छी गुंजाइश हो सकती है। उदाहरण के लिए, वे बजट में परिमार्जन नीति पेश कर सकते हैं, जो ऑटो सेक्टर को बढ़ावा दे सकती है। वे बजट में खनन और कोयला नीतियों को ला सकते हैं। वे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन के लिए रास्ते थोड़े अधिक साफ कर सकते हैं। वे गोल्ड डिजिटलीकरण की भी घोषणा कर सकते हैं। ये सभी अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, लेकिन तीन ज्वलंत मुद्दों- राजकोषीय घाटे, बाजार उधार और बेमेल राजस्व का क्या? तेल की कीमतों में वृद्धि भी एक ज्वलंत मुद्दा है, जो भारत के बजट को फिर से खा सकता है।

बाजार निश्चित रूप से उच्च राजस्व घाटा और उच्च बाजार उधार पसंद नहीं करता। इसलिए यदि सरकार को राजकोषीय घाटे और बाजार उधार को कम करने के साधन और तरीके नहीं मिले, तो प्रतिभागी निश्चित रूप से नकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे। कम से कम इनफ्लो तो कुछ समय के लिए बंद हो जाएगा। कुछ उलटफेर भी देखने को मिल सकती है। इसे आपको दूसरे एंगल से भी देखना चाहिए।

एफपीआई नहीं चाहता कि बाजार नीचे जाए, क्योंकि वे यहां स्थायी रूप से रहने वाले हैं। गिरावट एक उद्देश्य के साथ होगी। जब बाजार गिरता है, तो बड़े पैमाने पर अवांछित और खुदरा बिक्री होगी, जो बाजार को हल्का बनाती है और यही वे चाहते हैं। जब तक बाजार हल्का नहीं हो जाता और शॉर्ट्स फंस नहीं जाते, तब तक कोई सार्थक तेजी नहीं होती है। इस प्रकार यदि बाजार बजट के बाद 5 से 10 फीसद गिरता है, तो यह खरीद के लिए अच्छा अवसर होगा, क्योंकि हमारा मानना ​​है कि निफ्टी में 2 साल में 16500 तक और 3 साल में 18800 तक जाने की क्षमता है।

(लेखक सीएनआई रिसर्च के सीएमडी हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

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