Stock Market में Invest करने से पहले इन Factors को रखें ध्यान में, इन Tools की ले सकते हैं मदद

स्टॉक मार्केट में 2020-21 में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। इसी दौरान बड़ी संख्या में नए निवेशकों ने डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाए और शेयर मार्केट में निवेश शुरू किया है। BSE Sensex में 100 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 07:22 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 03:17 PM (IST)
Stock Market में Invest करने से पहले इन Factors को रखें ध्यान में, इन Tools की ले सकते हैं मदद
पुराने दिनों में हम ट्रेडिंग या इंवेस्टमेंट के लिए 'एक्सपर्ट्स' या 'Hot Tips' पर निर्भर हुआ करते थे।

नई दिल्ली, निराली शाह। स्टॉक मार्केट में 2020-21 में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। इसी दौरान बड़ी संख्या में नए निवेशकों ने डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाए और शेयर मार्केट में निवेश शुरू किया है। BSE Sensex में 100 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है और महज 139 दिन में रजिस्टर्ड यूजर्स की तादाद छह करोड़ से सात करोड़ हो गई। ऐतिहासिक आंकड़ों को देखें तो निवेशकों की संख्या तीन से चार करोड़ होने में 939 दिन लगे। वहीं चार से पांच करोड़ होने में 652 दिन का समय लगा। इस तरह निवेशकों की तादाद पांच करोड़ से छह करोड़ होने में 241 दिन का समय लगा।

इन आंकड़ों से स्पष्ट तौर पर यह पता चलता है कि फिनटेक के ग्रोथ के साथ स्टॉक मार्केट में निवेश करने का रास्ता सुलभ होने से खुदरा निवेशक (रिटेल इंवेस्टर्स) काफी बड़े पैमाने पर दलाल स्ट्रीट के तरफ आकर्षित हुए हैं।

BSE पर रजिस्टर्ड यूजर्स का डेमोग्राफिक्स भी यह दिखाता है कि बड़ी संख्या में 20 से 40 वर्ष की आयुवर्ग वाले लोगों स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इस की बदौलत ही रजिस्टर्ड यूजर्स का आंकड़ा इतनी तेजी से सात करोड़ तक पहुंच गया है।

हालांकि, अब भी सवाल पहले की तरह ही बना हुआ है कि कि क्या ये नए निवेशक बाजार से संपत्ति बना पाए हैं? या शक्तिशाली मार्केट द्वारा प्रसारित बहुत अधिक सूचनाओं के शिकार हो गए हैं? चूंकि केवल दो प्रतिशत स्टॉक से 99 प्रतिशत धन का सृजन होता है। ऐसे में एक सफल निवेशक बनने के लिए जरूरी स्किल विकसित करने तक मिलेनियल्स (युवा पीढ़ी) के लिए बाजारों में प्रवेश करना बेहद मुश्किल है। अधिकतर स्टॉक से प्राप्त होने वाला रिटर्न फिक्स्ड डिपोजिट से प्राप्त होने वाले रिटर्न से भी कम है। यह आज के समय की दुखद सच्चाई है। हालांकि, आज के समय में टेक्नोलॉजी का विकास बहुत तेजी से हो रहा है। ऐसे समय में कई ऐसे फिनटेक टूल मौजूद हैं, जिसकी मदद से इंवेस्टर किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले सही विकल्प का चुनाव कर सकते हैं।

अपने काम में लगातार व्यस्त रहने की वजह से किसी स्टॉक या इंडस्ट्री से जुड़े हरे छोटे-बड़े डेवलपमेंट के बारे में जानकारी रखना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे समय में ये टूल इंवेस्टर्स को गाइड करते हैं कि वे ऐसे स्टॉक में निवेश ना करें, जिसमें पैसे डूबने की आशंका है।

पुराने दिनों में हम ट्रेडिंग या इंवेस्टमेंट के लिए 'एक्सपर्ट्स' या 'Hot Tips' पर निर्भर हुआ करते थे। लेकिन Y और Z Generation इस मामले में काफी स्मार्ट हैं क्योंकि वे DIY अप्रोच को ज्यादा तरजीह देते हैं। यह अप्रोच ज्यादा विश्वसनीय होता है क्योंकि रिसर्च इधर-उधर की बातों पर नहीं बल्कि फाइनेंशियल और टेक्निकल आंकड़ों पर आधारित होता है।

सही स्टॉक के चुनाव में ये लेटेस्ट टूल्स इंवेस्टर्स के लिए साबित हो सकते हैं ज्यादा हेल्पफुल:

फाइनेंशियल स्क्रीनर्स: कंपनियों के ऐतिहासिक डेटा के आधार पर सबसे बढ़िया प्रदर्शन करने वाले स्टॉक के चुनाव के लिए फंडामेंटल पैरामीटर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। आम तौर पर इन स्टॉक स्क्रीनर्स से इंवेस्टर्स को हजारों स्टॉक में से अपने क्राइटेरिया के हिसाब से उपयुक्त स्टॉक को जल्दी से चुनने में मदद मिलती है। हालांकि, इस तरह के स्क्रीनर की निगेटिव चीज यह है कि ये पूर्व के प्रदर्शन पर आधारित होते हैं और इसमें संभव है कि किसी भी स्टॉक के भविष्य से जुड़ी संभावनाओं को शामिल नहीं किया गया हो। टेक्निकल स्क्रीनर्सः कुछ ऐसे टूल्स भी हैं, जिनकी मदद से इंवेस्टर्स वॉल्यूम और मोमेंटम इंडिकेटर की मदद से क्राइटेरिया का चयन कर पाते हैं। इस तरह के टूट प्रायः स्टॉक के फंडामेंटल्स पर गौर नहीं करते हैं। इस तरह इंवेस्टर को तब तक फंडामेंटल्स का पता नहीं चलता जबतक भाव खुद वास्तविक तस्वीर पेश नहीं करता है। स्टॉक रेटिंग्स की तरह के टेक्नो फंडा स्क्रीनर्स: सैमको सिक्योरिटीज का स्टॉक रेटिंग्स मैट्रिक्स फंडामेंटल्स, टेक्निकल पहलुओं, न्यूज, वैल्यूएशन और सुरक्षित मार्जिन को ध्यान में रखता है। इसमें हर स्टॉक के आकलन के लिए दो करोड़ से ज्यादा डेटा प्वाइंट्स होते हैं। सबसे अच्छी चीज ये है कि यह GiGa ट्रेडिंग इंजन पर काम करता है, जो बिना किसी इंसान के हस्तक्षेप के आपके लिए स्टॉक का विश्लेषण करता है।

किसी भी इंवेस्टर को इस चीज को लेकर ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है कि उसे कौन से पैरामीटर्स को चुनना है। यह टूल खुद-ब-खुद 4500 से ज्यादा स्टॉक के लिए 0.5 से 5 (पांच सबसे बेहतर) की रेटिंग दे देता है। म्युचुअल फंड्स को रेट करने वाले RankMF की तरह अब निवेशकों के लिए स्टॉक रेटिंग्स भी उपलब्ध होंगे। वास्तव में 3 स्टार रेटिंग वाले शेयरों को अगर पांच साल तक होल्ड किया जाता है तो मिड-टीन सीएजीआर रिटर्न्स के साथ उनका सक्सेस रेट 95% पाया गया है। रोबो एडवाइजर्सः कंपनियों ने इस तरह के रोबोट बनाए हैं, जो क्लाइंट्स को उनकी जोखिम लेने की क्षमता और रिटर्न की इच्छा को ध्यान में रखते हुए सलाह उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, अगर फ्री टूल्स से तुलना की जाए तो इस तरह के एडवाइजर्स के लिए आपको एक शुल्क देना होगा। एल्गो ट्रेडिंगः मार्केट में इसके लिए KyaTrade जैसे सुविधाजनक ऐप हैं, जो ट्रेडर्स और इंवेस्टर्स को प्रतिदिन स्टॉक आइडिया देने के लिए एल्गोरिदम ट्रेडिंग का सहारा लेते हैं। इस तरह की सर्विसेज सब्सक्रिप्शन पर आधारित होती है। हालांकि, ट्रेडिंग के लिए बेहद गहरी समझ की जरूरत होती है। यह ऐसे लोगों के लिए ठीक नहीं है, जो इसे जुए की तरह देखते हैं। कोई भी वास्तविक इंवेस्टर या ट्रेडर स्टॉक को लेकर सलाह प्राप्त करने के लिए निश्चित रूप से इस तरह के ऐप्स का फायदा उठाएगा।

इस तरह के नए टूल और स्क्रीनर्स डिजिटाइजेशन के साथ और बेहतर हुए हैं और इनके माध्यम से इंवेस्टमेंट और ट्रेडिंग अधिक सुविधाजनक हुआ है, खासकर शेयर मार्केट में निवेश की शुरुआत करने वालों के लिए।

हालांकि, शेयर का चुनाव करना एक कठिन काम है क्योंकि इसमें सफलता का अनुपात 20 फीसदी से भी कम होता है लेकिन इस तरह के ऊपर बताए गए टूल इंवेस्टमेंट को काफी आसान बना देते हैं और आप महज एक बटन क्लिक करके या एक ऐप में स्वाइप करके यह काम कर सकते हैं। केवल बुद्धिमान व्यक्ति ही वेल्थ क्रिएट करने के लिए हर 45 में से एक स्टॉक को सेलेक्ट कर सकता है। वास्तव में स्टॉक मार्केट पर 45 में से एक स्टॉक से ही संपत्ति का वास्तविक मायने में सृजन होता है।

ऐसे में इंतजार किस बात का है। इस तरह के नई पीढ़ी के टेक्नो फंडा टूल्स का इस्तेमाल कीजिए और बढ़िया रेटिंग वाले स्टॉक सेलेक्ट करिए। इससे आपकी गलतियों की आशंका कम हो जाएगी।

(लेखिका Samco Securities में प्रमुख (इक्विटी रिसर्च) हैं। प्रस्तुत विचार लेखिका के निजी हैं।)

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