आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है और क्रेडिट स्कोर 0 है, तो भी आपको मिल सकता है Loan, जानिए कैसे
Loan सिबिल स्कोर जितना उच्च होता है आपको लोन मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है और शर्ते भी उतनी ही आसान हो जाती हैं। हालांकि अगर आपने पहले कभी कोई लोन या क्रेडिट कार्ड (credit card) नहीं लिया है तो आपका क्रेडिट स्कोर शून्य हो सकता है।
नई दिल्ली, बलवंत जैन। मेरा भतीजा, जो होम लोन लेना (home loan) चाहता था, मैंने उसे होम लोन लेने से पहले उसकी सिबिल रिपोर्ट (CIBIL report) चेक करने की सलाह दी थी। जब मेरे भतीजे ने अपनी सिबिल रिपोर्ट देखी, तो उसने मुझे आश्चर्य के साथ बताया कि उसकी सिबिल रिपोर्ट में क्रेडिट स्कोर (credit score) शून्य है। वह चिंतित था कि शून्य स्कोर, जिसे उसने नकारात्मक रेटिंग माना था, के साथ वह होम लोन नहीं ले पाएगा। यह आर्टिकल मेरे और उसके बीच हुई चर्चा का ही परिणाम है।
सिबिल स्कोर और इसका दायरा क्या है
सिबिल एक अग्रणी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो है और इस प्रकार "CIBIL" शब्द क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट ब्यूरो का पर्याय बन गया है। एक क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रदान किये गए डेटा के आधार पर उधारकर्ताओं के क्रेडिट ट्रांजेक्शंस की हिस्ट्री का संग्रह करता है। सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच का एक नंबर होता है, जो वित्तीय संस्थानों के साथ आपके लेनदेनों पर आधारित होता है।
सिबिल स्कोर जितना उच्च होता है, आपको लोन मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है और शर्ते भी उतनी ही आसान हो जाती हैं। हालांकि, अगर आपने पहले कभी कोई लोन या क्रेडिट कार्ड (credit card) नहीं लिया है, तो आपका क्रेडिट स्कोर शून्य हो सकता है। अगर क्रेडिट ब्यूरो के पास उपलब्ध आपकी क्रेडिट हिस्ट्री छह महीने से कम समय की है, तो क्रेडिट स्कोर -1 भी हो सकता है। नए उधारकर्ताओं के लिए सिबिल एक से पांच के बीच में स्कोर देता है। स्कोर के कम होने पर ऋणदाता के दृष्टिकोण से आपको ऋण देने का जोखिम बढ़ जाता है।
CIBIL स्कोर क्यों महत्वपूर्ण है
ग्राहक को कोई भी क्रेडिट सुविधा प्रदान करने से पहले ऋणदाता खुद को संतुष्ट करना चाहता है कि उधारकर्ता लोन को नियत समय में चुका देगा। जैसी कि कहावत है, इतिहास खुद को दोहराता है और व्यक्तिगत व्यवहार के मामले में भी यह बात लागू होती है। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो क्रेडिट स्कोर के माध्यम से ऋणदाताओं की इस समस्या का समाधान करता है। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो उधारकर्ता द्वारा अतीत में किये गए क्रेडिट व्यवहार के आधार पर क्रेडिट स्कोर जारी करता है, जिससे ऋणदाताओं को ग्राहक के डिफॉल्ट होने की संभावना का पता लगता है। क्रेडिट स्कोर विभिन्न मापदंडों की मदद से सॉफ्टवेयर द्वारा तैयार किया जाता है। जिस ग्राहक का क्रेडिट स्कोर 750 से अधिक होता है, उसे ऋण देने में ऋणदाता सहज होते हैं।
क्या बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाला कोई व्यक्ति भी लोन ले सकता है?
यह पहले मुर्गी या पहले अंडे जैसी समस्या है। किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री तब तक कैसे बन सकती है, जब तक किसी सिस्टम से उसे क्रेडिट नहीं मिलेगा और सिस्टम तब तक कैसे किसी को ऋण दे सकता है, जब तक उसकी क्रेडिट हिस्ट्री ना पता चले। यद्यपि क्रेडिट स्कोर ऋणदाताओं के लिए उधारकर्ताओं को ऋण देने पर विचार करने की दिशा में एक शुरुआती बिंदु है, लेकिन यह एकमात्र मापदंड नहीं है, जिसे देखकर ऋणदाता लोन देते हैं। इसलिए अगर आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो भी आप ऋणदाताओं से होम लोन ले सकते हैं, लेकिन आपको ऋणदाता को अधिक दस्तावेज देने होंगे, जिससे ऋणदाता समय पर ईएमआई के भुगतान की आपकी क्षमता और आपके इरादे के बारे में संतुष्ट हो सके।
ऋणदाता कैसे उधारकर्ता के इरादे और उसकी क्षमता को तय करते हैं
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो साल 2005 के बाद ही अस्तित्व में आया है, लेकिन बैंक कई दशकों से कर्ज देते रहे हैं। इसलिए अगर उधारकर्ता के पास किसी की क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो भी वह होम लोन पा सकता है और इस स्थिति में ऋणदाता होम लोन देने के लिए उधारकर्ता की योग्यता के निर्धारण में कुछ अन्य मापदंडों की मदद लेते हैं।
ऐसे परिस्थिति में आपकी शैक्षणिक योग्यता और जॉब प्रोफाइल ऋणदाता द्वारा उपयोग लिये जाने वाले महत्वपूर्ण मानदंड होते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप डॉक्टर या एक सीए हैं, तो यह आपकी नियमित आय को सुनिश्चित करता है। ऋणदाता इस तरह की योग्यताओं के साथ सहज होते हैं। इसी तरह अगर कोई सरकार में उच्च पद पर है जैसे कि आईएएस या आईपीएस है, तो उसे पिछली क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होने के बावजूद भी होम लोन मिलने की पूरी संभावना है।
अगर आप इतने भाग्यशाली नहीं है, कि आपकी सरकारी नौकरी है या उच्च शैक्षणिक योग्यता है, तो भी आपको होम लोन मिल सकता है। ऐसे मामलों में ऋणदाता आपकी आर्थिक स्थिति को जानने के लिए आपसे पिछले कुछ वर्षों के बैंक स्टेटमेंट्स मांग सकते हैं। अगर वहां सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) जैसे निवेश के लिए नियमित रूप से डेबिट की जानकारी मिलती है, तो इससे ऋणदाता आपकी बचत की आदत के बारे आश्वस्त हो सकते हैं। बैंक आपके बैंकिंग लेनदेन की विस्तार से जांच भी कर सकते हैं, यह समझने के लिए कि आप बिजली बिल या मोबाइल बिल जैसे यूटिलिटी बिल का भुगतान नियमित रूप से करते हैं या नहीं। इससे ऋणदाता को आपके बैंकिंग लेनदेन की नियमितता के बारे में जानकारी मिलती है।
अगर आप किराये की जगह पर रह रहे हैं, तो वे आपके किराये के भुगतान की नियमितता के बारे में भी वेरीफाई कर सकते हैं। आपकी खर्च और बचत की आदतों के बारे में आपके बैंक स्टेटमेंट्स से जाना सकता है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि आप समय पर लोन को चुकाने में सक्षम रहेंगे या नहीं। बैंक आपसे ऐसे किसी व्यक्ति से गारंटी दिलाने के लिए भी कह सकते हैं, जिसकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट स्कोर अच्छा हो। ये कुछ ऐसे वैकल्पिक मापदंड हैं, जिनका उपयोग नियमित क्रेडिट रिपोर्ट्स के अभाव में ऋणदाता द्वारा किया जा सकता है।
जिन मापदंडों की ऊपर चर्चा की गई है, वे परिपूर्ण नहीं हैं और प्रत्येक बैंक के अलग-अलग आंतरिक मापदंड हो सकते हैं। अगर आपके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो आपको लोन पर बेहतर दर मिलना मुश्किल है। वहीं, उत्कृष्ट क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्तियों को बेहतर दर के साथ ही अपनी मनपसंद डील भी मिल जाती है।
(लेखक टैक्स और निवेश विशेषज्ञ हैं और अपनापैसा के चीफ एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)