निवेश को लेकर अपनाएं ये चार फॉर्मूले, जोखिम व अस्थिरता के बावजूद बेहतर रिटर्न प्राप्त करने में मिलेगी मदद

Investment Tips वॉरेन बफे ने एक दफा वायदा बाजार यानी फ्यूचर एंड ऑप्शंस (वायदा बाजार) को वित्तीय सामूहिक विनाश का हथियार करार दिया था। इन वित्तीय साधानों को इक्विटी निवेश से बचाव (हेजिंग) के लक्ष्य के साथ पेश किया गया था।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Fri, 01 Jan 2021 09:27 AM (IST) Updated:Mon, 04 Jan 2021 11:11 AM (IST)
निवेश को लेकर अपनाएं ये चार फॉर्मूले, जोखिम व अस्थिरता के बावजूद बेहतर रिटर्न प्राप्त करने में मिलेगी मदद
कर्ज लेने से पहले अपनी कर्ज चुकाने की क्षमता मालूम कर लेना सबसे बेहतर होता है।

नई दिल्ली, जुजेर गबाजीवाला। बाजार में जोखिम और अस्थिरता, दो अलग चीजे हैं। अस्थिरता यानी वोलाटिलिटी का आकलन गणित के फॉर्मूलों से भी किया जा सकता है, मगर जोखिम विषयनिष्ठ होता है। हर व्यक्ति के लिए जोखिम की परिभाषा और उसे उठाने की क्षमता अलग होती है, जिसका कोई भी फॉर्मूला नहीं है। किसी एक एसेट की अस्थिरता हर निवेशक के लिए समान ही रहती है, मगर अलग-अलग निवेशक एक ही एसेट के जोखिम का आकलन अलग-अलग करते हैं। मार्च 2020 के दौरान शेयर बाजार ताश के पत्तों की तरह ढह गया था, मगर अगले नौ महीनों में बाजार ने जबरदस्त रिकवरी करते हुए लगातार नए रिकॉर्ड ही कायम किए हैं। इस तरह की अस्थिरता वही निवेशक झेल पाते हैं, जिनमें वित्तीय और भावनात्मक, दोनों ही किस्म के जोखिम उठाने की क्षमता होती है। इसलिए निवेशकों को किसी निर्धारित एसेट क्लास में तभी निवेश करना चाहिए, जब वे उस श्रेणी से जुड़ी अस्थिरता झेल पाने में सक्षम हों। 

वायदा बाजार में है काफी खतरा

वॉरेन बफे ने एक दफा वायदा बाजार यानी फ्यूचर एंड ऑप्शंस (वायदा बाजार) को वित्तीय सामूहिक विनाश का हथियार करार दिया था। इन वित्तीय साधानों को इक्विटी निवेश से बचाव (हेजिंग) के लक्ष्य के साथ पेश किया गया था, मगर कई निवेशक इन पर छोटी अवधि के बड़े दांव खेलते हैं क्योंकि इस सेगमेंट से कम समय में ज्यादा कमाई की जा सकती है। साल 2008 के आर्थिक संकट के दौरान इन वित्तीय साधनों की भूमिका काफी अहम रही थी। इसलिए आम निवेशकों को इस तरह के 'वित्तीय हथियारों' से दूर रहना चाहिए।

वित्तीय कर्ज को करें कम

हर शख्स को गैर-जरूरी कर्ज से बचना चाहिए, जो मुश्किलें कम करने के बजाय बढ़ाने का काम करे। आपके घर का लोन, शिक्षा लोन या कार लोन अपनी कुल आय का 10-20% से अधिक नहीं होना चाहिए। जहां तक संभव हो इसे कम-से-कम रखना चाहिए। कर्ज लेने से पहले अपनी कर्ज चुकाने की क्षमता मालूम कर लेना सबसे बेहतर होता है। महंगे और गैर-वाजिब कर्ज न सिर्फ आपकी वित्तीय सेहत को बिगाड़ सकते हैं, तो बल्कि आपके एसेट को भी बर्बाद कर सकते हैं। इनका मानसिक तनाव भी काफी अधिक होगा है। अपने पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड लोन का भुगतान जल्द से जल्द करना चाहिए और  जितना संभव हो सके, उतना ही उनसे दूर रहना चाहिए। दोनों ही आपकी वित्तीय सेहत के लिए काफी बुरे हैं।

आपदा में तलाशें अवसर

हम अक्सर यह बात सुनते हैं कि आपदा के साथ अवसर भी आते हैं। आज के संकट ने इस बात को साफ कर दिया कि बिजनेस को काफी अलग तरीके से भी किया जा सकता है। इसके लिए उन तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो हमारे पास पहले से ही हैं, मगर या तो हम उन्हें टाल रहे थे या उनके इस्तेमाल से कतरा रहे थे। इस संकट ने न सिर्फ हमारे कामकाजी माहौल को बदला है, बल्कि कई हेल्थटेक या एजुटेक जैसे कई  उभरते हुए सेक्टर्स को उड़ान भरने के लिए खुला आसमान भी दिया है। मुश्किल घड़ी में मौकों की तलाश करने के लिए अपने आंख और कान खुले रखने की जरूरत है और अपनी सोच में बदलाव लाना बेहद आवश्यक है। संकट के समय में यह पता करना काफी अहम है कि बदलते माहौल में क्या किया जा सकता है और उसे अपनी क्षमताओं के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है। इस संकट ने हमें सोचने के नए आयाम दिए हैं।

सब्र का फल मीठा होता है

बड़े-बुजुर्ग कह गए कि बुरा वक्त भी गुजर जाएगा। आज के समय में जरूरी है कि लोग अपने आपने को सोशल मीडिया पर छाई रहने वाली फेक न्यूज और अफवाहों से सुरक्षित रखें। मार्च में जब बाजार महामारी के चलते औंधे मुंह गिरा, तो बड़ी संख्या में निवेशकों ने अपना निवेश साफ कर बाजार से हाथ खींच लिए थे। मगर धैर्य के सहारे ने हमें बताया कि जिन निवेशकों ने वक्त को वक्त दिया और निवेश को धीरजपूर्वक जारी रखा, वे आज सबसे अधिक फायदे में हैं। बाजार लगातार नए शिखर बना रहा है। निवेश में घबराने की जररूत नहीं है, मगर निवेशकों को सावधानी और संयम से काम लेना चाहिए। मानव ने हर सदी में संकटों का सामना किया है। हमने अपने ठोस प्रयासों के चलते सभी चुनौतियों को पार किया है। कभी कभार कुछ न करने से भी आपको कमाई मिल सकती है। आखिरकार, कोविड-19 का संकट भी खत्म हो जाएगा।

(लेखक वेंचुरा सिक्योरिटीज में डायरेक्टर हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)

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