ESG investing: निवेश की एक ऐसी रणनीति जिससे मिल सकता है प्रदर्शन और नैतिकता का फायदा

ईएसजी आधारित सिद्धांतों पर निवेश की वकालत करने वाले विशेषज्ञ यह मानते हैं कि जिन कंपनियों का प्रबंधन इन सिद्धांतों को अपनाता है उनके अंदर भविष्य में कमाई में ऊंची बढ़त करने की क्षमता होती है और साथ ही उनमें वित्तीय जोखिम भी कम होता है।

By Manish MishraEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 11:55 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:02 PM (IST)
ESG investing: निवेश की एक ऐसी रणनीति जिससे मिल सकता है प्रदर्शन और नैतिकता का फायदा
ESG investing: A noble investment strategy that may score on performance and morals (Pic: pixabay.com)

 नई दिल्‍ली, वैभव शाह। ESG असल में एनवायरमेंटल, सोशल और कॉरपोरेट गवर्नेंस का संक्षिप्त रूप है। निवेश में ईएसजी इन तीनों कारकों का किसी कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन की सततता पर होने वाले असर को बताता है। ईएसजी आधारित सिद्धांतों पर निवेश की वकालत करने वाले विशेषज्ञ यह मानते हैं कि जिन कंपनियों का प्रबंधन इन सिद्धांतों को अपनाता है, उनके अंदर भविष्य में कमाई में ऊंची बढ़त करने की क्षमता होती है और साथ ही उनमें वित्तीय जोखिम भी कम होता है। 

ईएसजी अनुसंधान के मूलभूत अंग 

ईएसजी रिसर्च में लगी अनुसंधान और परामर्श कंपनियां विभिन्न ईएसजी कारकों के आधार पर सूचनाएं एकत्र करती हैं, उनका विश्लेषण करती हैं और उसके बाद अपनी रेटिंग या सिफारिश उपलब्ध करती हैं। ईएसजी अनुसंधान के मूल घटकों को तीन व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता हैः 

पर्यावरणीय  जलवायु परिवर्तनः काबर्न उत्सर्जन, कार्बन फूटप्रिंट, जलवायु परिवर्तन नियम-कायदों में बदलाव का असर आदि।  प्राकृतिक संसाधनः कच्चा माल (उसके स्रोत सहित), जल प्रबंधन, भूमि का इस्तेमाल आदि।  प्रदूषणः विषाक्त उत्सर्जन, कचरा प्रबंधन, पैकेजिंग आदि।   अवसरः नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर (जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि), ग्रीन बिल्डिंग आदि। सामाजिक  मानव संसाधनः श्रम के मसले और प्रबंधन, पेशेगत स्वास्थ्य, सुरक्षा मानक, आपूर्तिकर्ताओं का श्रम मानक आदि।  उत्पादः उत्पाद की गुणवत्ता, उत्पाद की सुरक्षा, वित्तीय उत्पादों की सुरक्षा, डेटा की निजता और सुरक्षा, पर्यावरण अनुकूल उत्पाद आदि।  हितधारकः आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों के साथ रिश्ता  कॉरपोरेट गवर्नेंस  स्वामित्व और प्रबंधन नियंत्रण  अल्पमत शेयरधारकों की सुरक्षा  निदेशक मंडल की संरचना  लेखा मानक और दस्तूर  वित्तीय और गैर-वित्तीय खुलासे  कॉरपोरेट व्यवहार-कारोबारी सदाचार, कर के मामलों में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा विरोधी दस्तूर, भ्रष्टाचार को रोकने की प्रक्रिया 

मजबूत ईएसजी प्रस्ताव किस तरह से कंपनियों के लिए मूल्य के सृजन और भविष्य के लिहाज से ज्यादा तैयार होने में मदद करते हैं? 

अब चूंकि विभिन्न हितधारक जैसे निवेशक, कर्मचारी, ग्राहक और सरकारें ईएसजी कारकों पर जोर बढ़ाती जा रही हैं, ऐसे संगठन जो इन सिद्धांतो के आधार पर कारोबार करते हैं, वे इन सभी हितधारकों की निष्ठा और भरोसा अर्जित करते हैं, जिसका संभावित नतीजा ज्यादा टिकाऊ और मुनाफायोग्य तरक्की के रूप में होता है।  उन उत्पादों या कारोबार के लिए, जिनमें नियामक या सरकारी मंजूरी की जरूरत होती है, बेहतरीन ईएसजी ट्रैक रिकॉर्ड और ईएसजी कारकों से जुड़ी स्थापित प्रक्रियाओं वाली कंपनियां तेजी से मंजूरी हासिल कर सकती हैं। इसकी वजह से वे बाजार में ज्यादा तेजी से उत्पाद लाने में सक्षम होती हैं और अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले ज्यादा प्रतिस्पर्धी फायदा हासिल करती हैं।  मजबूत ग्राहक रिश्ता और ब्रैंड तैयार होता हैः बढ़ते पर्यावरणीय और सामाजिक जागरूकता, जो कारोबार और उत्पाद इन पैमानों पर अच्छे अंक हासिल करते हैं, वे ज्यादा ग्राहक निष्ठा और ब्रैंड वैल्यू हासिल करते हैं।  लागत में दक्षता और बेहतरीन ऑपरेटिंग मार्जिनः जो कंपनियां अपने कारखानों और संचालन में ईएसजी सिद्धांतों को समाहित करती हैं, वे लागत में अच्छी बचत कर सकती हैं, कच्चे माल, ऊर्जा, जल, कचरा प्रबंधन आदि के लिहाज से।  बेहतरीन उत्पादकताः बेहतरीन कर्मचारी संबंध रखने वाली कंपनियां प्रतिभाओं को आकर्षित करने और उन्हें बनाये रखने में सक्षम होती हैं। कर्मचारियों की ज्यादा संतुष्टि का उत्पादकता से सीधा संपर्क होता है।  निवेशित पूंजी पर बेहतरीन रिटर्नः जो कंपनियां सतत परिसंपत्तियों में निवेश करती हैं (जैसे प्लांट, उपकरणों, उत्पादों, तकनीक आदि) वे दीर्घकालिक रूप में अपनी पूंजी को ज्यादा प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कर पाती हैं। वे ऐसे निवेश से बच सकते हैं जिनसे पर्यावरणीय मसलों और नियामक बदलावों की वजह से रिटर्न मिलने की संभावना न हो। 

निवेश का बुनियादी उद्देश्य नतीजे हासिल करना होता है। कुछ निवेशक यह जिज्ञासा जाहिर करते हैं कि ईएसजी एक दर्शन के रूप में समाज और इस ग्रह के लिए तो अच्छा है, लेकिन इससे क्या बेहतरीन रिटर्न भी हासिल होगा? जो कंपनियां ईएसजी सिद्धांत को अपनाती हैं, वे भविष्य में कमाई में सतत बढ़त हासिल करने के लिहाज से बेहतर स्थिति में होती हैं। मैकिंसी ऐंड कंपनी ने ईएसजी प्रस्तावों के इक्विटी रिटर्न पर असर के लिए 2,000 से ज्यादा अध्ययन किये और यह पाया कि निवेश उत्पादों में ईएसजी सिद्धांतों को एकीकृत करने से प्रतिकूल (8%) या स्वाभाविक नतीजों (29%) के मुकाबले अनुकूल नतीजों (63%) के ज्यादा दृष्टांत मिलते हैं। 

वैश्विक स्तर पर ईएसजी निवेशों ने अन्य श्रेणियों के मुकाबले बहुत कम अवधि में महत्वपूर्ण आकर्षण हासिल किया है, दुनियाभर में ईएसजी मार्ग को अपनाने वाले फंडों के प्रबंधन के तहत कुल परिसंपत्ति (एयूएम) कैलेंडर वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। भारत में ईएसजी फंड बहुत शुरुआती दौर में हैं, लेकिन उनका भविष्य उज्ज्वल है, इस थीम के मजबूत वित्तीय और नैतिक जुड़ाव को देखते हुए। निवेशक इस तरह के फंड में निवेश कर सकते हैं, दीर्घकालिक सतत विकास मार्ग पर चलने वाली कंपनियों में अपना निवेश बनाये रखने की मुख्य रणनीति के एक हिस्से के रूप में।

ये फंड लॉन्ग टर्म संपदा सृजन करने वाले साबित हो सकते हैं और बाजार के मुश्किल वाले दौर में अन्य इक्विटी श्रेणियों के मुकाबले तुलनात्मक रूप से कम उतार-चढ़ाव वाले होते हैं। हालांकि, निवेशकों को सबसे पहले अपने व्यक्तिगत जोखिम प्रोफाइल और वित्तीय लक्ष्य का सही आकलन कर लेना चाहिए और इन फंडों में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकारों की मदद लेनी चाहिए। 

(लेखक मिरे एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में प्रमुख (प्रोडक्‍ट्स) हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।) 

(स्रोतः मॉर्निंगस्टार, जून 2020)

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