Budget 2020: माइक्रोफाइनेंस संस्थानों ने की रीफाइनेंस की मांग, कहा- गरीब लोगों को कम ब्याज दर पर मिले कर्ज
Union Budget 2020 उद्योग ने सरकार से MFI के लिए एक कोष बनाने का भी आग्रह किया है जो पानी और स्वच्छता परियोजनाओं का वित्तपोषण कर रहे हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (MFIs) ने केंद्र सरकार से विकास वित्तीय संस्थानों (DFIs) जैसे SIDBI और नाबार्ड से अधिक रीफाइनेंस का आग्रह किया है ताकि वे गरीब लोगों को कम ब्याज दर पर कर्ज दे सकें। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
MFIs के संघ SA-Dhan के कार्यकारी निदेशक पी सतीश ने कहा कि उद्योग जगत ने बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट (BC) की ओर से क्रेडिट भुगतान पर जीएसटी को वापस लेने की मांग की है। सतीश ने कहा, 'हमने केंद्र से अनुरोध किया है कि आगामी बजट में सरकार को DFIs जैसे SIDBI और नाबार्ड की ओर से MFI क्षेत्र में अधिक रीफाइनेंस की अनुमति देनी चाहिए।'
उन्होंने कहा कि देश में कार्यरत 200 से अधिक MFI क्रेडिट भुगतान के लिए बैंकों के वास्ते बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट के रूप में काम करते हैं, जिसके लिए लाभार्थियों द्वारा पूरे उधार पर 18 फीसद जीएसटी लगाया जाता है। सतीश ने कहा कि अगर जीएसटी वापस ले लिया जाता है, तो MFI गरीब लोगों को सस्ती ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।
सतीश ने कहा, 'मौजूदा समय में गरीब लोगों को ऐसे बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट से लिए गए कर्ज के लिए अधिक ब्याज दर का भुगतान करना पड़ता है।' उद्योग ने सरकार से MFI के लिए एक कोष बनाने का भी आग्रह किया है जो पानी और स्वच्छता परियोजनाओं का वित्तपोषण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'लगभग 50 से 60 MFI गरीब लोगों के लिए पानी और स्वच्छता परियोजनाओं के लिए फंडिंग कर रहे हैं। इस संदर्भ में, हमने सरकार से एक फंड बनाने का अनुरोध किया है ताकि MFI कम दरों पर उधार ले सकें और परियोजनाओं के लिए सस्ता कर्ज दे सकें।