FPIs ने तीन सत्रों में इक्विटी से निकाले 3,741 करोड़ रुपये, डेट सेग्मेंट में किया 218 करोड़ रुपये का निवेश

FPIs ने जुलाई के शुरुआती तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय बाजारों से 3741 करोड़ रुपये की निकासी कर ली।

By Manish MishraEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 07:12 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 07:38 AM (IST)
FPIs ने तीन सत्रों में इक्विटी से निकाले 3,741 करोड़ रुपये, डेट सेग्मेंट में किया 218 करोड़ रुपये का निवेश
FPIs ने तीन सत्रों में इक्विटी से निकाले 3,741 करोड़ रुपये, डेट सेग्मेंट में किया 218 करोड़ रुपये का निवेश

नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई के शुरुआती तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय बाजारों से 3,741 करोड़ रुपये की निकासी कर ली। जानकारों के मुताबिक पिछले कुछ सप्ताह के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये के भाव में मजबूती और शेयर बाजारों में मुनाफावसूली के चलते एफपीआइ ने यह निकासी की है। डिपॉजिटरीज के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआइ ने 1-3 जुलाई के दौरान इक्विटी सेग्मेंट से 3,959 करोड़ रुपये निकाले। हालांकि इस अवधि में उन्होंने डेट सेग्मेंट में 218 करोड़ रुपये का निवेश भी किया।

इसके चलते समीक्षाधीन अवधि में उनकी शुद्ध निकासी 3,741 करोड़ रुपये रही। इससे पहले एफपीआइ ने लगातार तीन महीनों तक शुद्ध निकासी के बाद इस वर्ष जून में भारतीय बाजारों में 24,053 करोड़ रुपये का निवेश किया था। भारतीय पूंजी बाजारों को लेकर एफपीआइ के रुख के बारे में मॉर्निगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर व रिसर्च मैनेजर हिमांशु श्रीवास्तव मानते हैं कि हाल के दिनों में शेयर बाजारों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये के भाव में भी सुधार दिखा है। इससे विदेशी निवेशकों के सामने मुनाफावसूली के बेहतर मौके आए हैं और उन्होंने मौके का फायदा उठाया है। उन्‍होंने कहा कि जहां तक डेट सेग्मेंट में एफपीआइ के निवेश का प्रश्न है, तो उन्हें यह सेक्टर वापस अपने सामान्य स्तर की ओर पहुंचता दिख रहा है। 

वहीं, ग्रो के सीओओ व सह-संस्थापक हर्ष जैन का मानना है कि FPI उन सभी स्टॉक्स से निवेश वापस खींच रहे हैं जिनका प्रदर्शन बहुत आकर्षक नहीं रहा है या जिनमें निकट भविष्य में बहुत उम्मीदें नहीं हैं। इसके ठीक विपरीत वे पिछले तीन महीनों से उन सभी स्टॉक्स में पूंजी निवेश करते दिख रहे हैं जो आकर्षक मूल्यांकन हासिल कर रहे हैं या कर चुके हैं। उनके मुताबिक FPI का स्पष्ट झुकाव वित्तीय सेक्टर के स्टॉक्स की ओर दिख रहा है, जबकि वे कम्यूनिकेशन सेक्टर से अपना निवेश घटा रहे हैं।

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