Budget 2021: हेलमेट इंडस्ट्री की GST में कमी की मांग, EV इंडस्ट्री को चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश की उम्मीद

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी। अलग-अलग सेक्टर्स को वित्त मंत्री से अलग-अलग तरह की अपेक्षाएं हैं। टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सरकार से आगामी बजट में हेलमेट पर जीएसटी में कमी का आग्रह किया है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 04:26 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:38 AM (IST)
Budget 2021: हेलमेट इंडस्ट्री की GST में कमी की मांग, EV इंडस्ट्री को चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश की उम्मीद
नियामकीय मंजूरी की सुचारू व्यवस्था से भी इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी। अलग-अलग सेक्टर्स को वित्त मंत्री से अलग-अलग तरह की अपेक्षाएं हैं। टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सरकार से आगामी बजट में हेलमेट पर जीएसटी में कमी का आग्रह किया है। एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और स्टीलबर्ड हेलमेट्स के एमडी राजीव कपूर ने कहा है कि सरकार को सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष प्रयास करने की जरूरत है। सड़क पर दोपहिया सवारों के सिर और जान की सुरक्षा करने वाला सेफ्टी गियर हेलमेट सस्ता किए जाने की आवश्यकता है।  हेलमेट पर अब भी 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है जिसे कम कर 5 फीसदी या फिर शून्य किया जाना चाहिए। इससे हेलमेट सस्ता होगा और ज्यादा संख्या में लोग इसका उपयोग करेंगे।  

कपूर ने आगामी बजट में सरकार से 100 सीसी की मोटरसाइकिल, इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल्स, 29 इंच के टीवी, एंट्री कैटेगरी के लैपटॉप और मोबाइल आदि पर जीएसटी की दर को कम करने का आग्रह किया है। वहीं, एक लाख रुपए से अधिक के मोबाइल, बड़े टीवी, महंगे फ्रिज, महंगे लैपटॉप, 1000 सीसी से ऊपर की लग्जरी गाड़ियां, 150 सीसी से ऊपर के महंगे बाइक्स आदि पर जीएसटी को दोगुना कर इसकी भरपाई की जा सकती है। 

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भारत की तेजी से आगे बढ़ती ईवी कंपनी Etrio के को-फाउंडर और सीईओ दीपक एमवी ने कहा, ''हमें उम्मीद है कि बजट 2021 में ऐसी घोषणाएं की जाएंगी जिससे देश में त्वरित दर से चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास हो पाएगा। इसके अलावा देश में ईवी सप्लाई चेन को सपोर्ट करने के लिए पीएलआई स्कीम पर हम अधिक विवरण की उम्मीद इस बजट से कर रहे हैं। इसके अलावा सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों के फाइनेंस के लिए एक आकर्षक विकल्प उपलब्ध कराना चाहिए। साथ ही टैक्स रिफंड और इंसेंटिव को जल्द लागू करने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है।'' 

उन्होंने कहा कि नियामकीय मंजूरी की सुचारू व्यवस्था से भी इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। 

GoZero Mobility के सीईओ अंकित कुमार ने कहा कि सरकार को ग्रीनर मोबिलिटी के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के साथ ई-बाइक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन नीतियां को लागू करना चाहिए। ग्राहकों को सीधे ई-बाइक की सवारी करने और खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन पारित किया जाना चाहिए। यदि हम प्रदूषण मुक्त स्थानों की ओर बढ़ना चाहते हैं और ऊर्जा का उपयोग कम करना चाहते हैं, तो इलेक्ट्रिक बाइक को व्यापक तौर पर अपनाने का ही एकमात्र विकल्प है।

ई-मोबिलिटी के दृष्टिकोण से, सरकार को फेम-2 प्रोग्राम के तहत सभी तरह की सब्सिडी और लाभ इलेक्ट्रिक साइकिल को भी प्रदान करने चाहिए। चूंकि ई-बाइक बहुत कम गति दायरे में काम करती हैं, इसलिए उन्हें फेम-2 प्रोग्राम के लाभों को दायरे में शामिल नहीं किया जाता है। इससे निर्माताओं को अपनी ई-बाइक को अंतिम उपभोक्ताओं (एंड-यूजर्स) तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। इको-फ्रेंडली होने के अलावा, ई-बाइक ट्रैफिक जाम और रेंज डिसऑर्डर के मुद्दे को भी हल करती है (एक ऐसा मुद्दा जो ईवी इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण है) क्योंकि उन्हें बैटरी चार्ज के बिना भी पैडल किया जा सकता है। 

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