बजट पर कोरोना की परछाई, नहीं होगी बजट की छपाई, टूटेगी 73 साल पुरानी परंपरा

आखिरकार कोरोना की परछाई 73 साल पुरानी बजट परंपरा पर भी पड़ गई। आजाद भारत में 26 नवंबर 1947 को पहली बार बजट के रूप में वित्तीय लेखाजोखा पेश किया गया था। तब से संसद में पेश होने वाले बजट की छपाई का चलन है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 10:47 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:51 AM (IST)
बजट पर कोरोना की परछाई, नहीं होगी बजट की छपाई, टूटेगी 73 साल पुरानी परंपरा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहली फरवरी को सॉफ्ट कॉपी से पेश करेंगी बजट।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आखिरकार कोरोना की परछाई 73 साल पुरानी बजट परंपरा पर भी पड़ गई। आजाद भारत में 26 नवंबर, 1947 को पहली बार बजट के रूप में वित्तीय लेखाजोखा पेश किया गया था। तब से संसद में पेश होने वाले बजट की छपाई का चलन है, लेकिन इस वर्ष यह परंपरा टूट रही है। इसी वजह से बजट छपाई की औपचारिक शुरुआत से पहले इस बार वित्त मंत्रालय में हलवा की खुशबू भी नहीं फैलेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहली फरवरी को सॉफ्ट कॉपी से पेश करेंगी बजट

वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार पहली फरवरी को सॉफ्ट कॉपी से बजट पेश करेंगी। सांसदों को भी बजट की हार्ड कॉपी यानी छपी हुई प्रति नहीं दी जाएगी। बजट के अलावा इस वर्ष आर्थिक सर्वे की भी छपाई नहीं हो रही है। इन परंपराओं को इसलिए तोड़ना पड़ रहा है क्योंकि बजट की छपाई अति गोपनीय तरीके से होती है। छपाई के दौरान एक साथ 50 से अधिक कर्मचारी वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में लगभग 15 दिनों तक अपने घर-परिवार से पूरी तरह दूर एक साथ रहते हैं, जो कोरोना के इस दौर में संभव नहीं है। बजट की छपाई में लगने वाले कर्मचारियों को बाहर निकलने की इजाजत देने से बजट के लीक होने की आशंका रहेगी। सूत्रों के मुताबिक इन तमाम पहलुओं को देखते हुए इस बार बजट को छापने की जगह उसे पूरी तरह से सॉफ्ट रूप में पेश किया जाएगा।

बजट छपाई की गोपनीयता: कर्मचारियों पर रहती है सख्त पहरेदारी 

बजट छपाई की गोपनीयता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों को संसद में बजट पेश होने के बाद घर जाने दिया जाता है। उस दौरान वित्त मंत्रालय के प्रंटिंग प्रेस में उन्हें मोबाइल फोन तक रखने की इजाजत नहीं होती। वे सिर्फ आपात स्थिति में ही किसी से बात कर सकते हैं। इन सभी कर्मचारियों के खाने-पीने व रहने के इंतजाम के लिए कुछ अन्य कर्मचारी भी नॉर्थ ब्लॉक में रहते हैं। इससे छपाई के दौरान भीड़ होगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार किसी प्रकार का जोखिम नहीं ले सकती है। वैसे, पिछले कुछ वर्षो से बजट की छपी हुई प्रतियों की संख्या काफी कम कर दी गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक छपाई भले ही कम हो रही थी, लेकिन बजट छपाई की परंपरा का क्रेज अब भी बरकरार था।

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