Union Budget 2019: बजट में शामिल होते हैं 11 दस्तावेज, इनके बारे में आपको मालूम होना चाहिए
संसद के दोनों सदनों के समक्ष भारत सरकार एक वित्त वर्ष की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण पेश करती है, जिसे वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। हलवा रस्म की अदायगी के साथ ही बजट की छपाई शुरू हो चुकी है। बजट आंकड़ों और योजनाओं का एक दस्तावेज भर नहीं होता है बल्कि इसमें काफी कुछ शामिल होता है। बजट में सरकार की बीते वर्ष की योजनाओं के विश्लेषण के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं का एक रोडमैप भी होता है। दैनिक जागरण की बिजनेस टीम अपनी बजट सीरीज की इस खबर में आपको यह जानकारी दे रही है कि एक बजट में आखिर क्या कुछ शामिल होता है। गौरतलब है कि एक फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश किया जाना है।
बजट में कुल 11 दस्तावेज शामिल होते हैं: वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement) डिमांड ऑन ग्रांट (Demand for Grants) एप्रोप्रिएशन बिल (Appropriation Bill) फाइनेंस बिल (Finance Bill) वित्त विधेयक में प्रावधान की व्याख्या का ज्ञापन (Memorandum Explaining the Provisions in the Finance Bill) मौजूदा वित्त वर्ष के लिए प्रासंगिक एवं व्यापक आर्थिक ढ़ांचा (Macro-economic framework for the relevant financial year) वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय रणनीति का ब्यौरा (Fiscal Policy Strategy Statement for the financial year) मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति का वक्तव्य (Medium Term Fiscal Policy Statement) एक्सपेंडीचर बजट वाल्यूम-1 (Expenditure Budget Volume -1) एक्सपेंडीचर बजट वाल्यूम-2 (Expenditure Budget Volume -2) रिसीप्ट्स बजट (Receipts Budget)
वार्षिक वित्तीय विवरण: संसद के दोनों सदनों के समक्ष भारत सरकार एक वित्त वर्ष की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण पेश करती है, जिसे वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है। संविधान के अनुच्छेद 112 में इसका उल्लेख है।
डिमांड ऑन ग्रांट: इसमें संचित निधि से निकाले जाने वाले खर्चों (वार्षिक वित्तीय विवरण में शामिल) का अनुमान दर्ज होता है। यह एक तरह का फॉर्म होता है, जिसे अनुच्छेद 113 के तहत जमा किया जाता है। लोकसभा में इस पर मतदान जरूरी है।
विनियोग विधेयक (एप्रोप्रिएशन बिल): लोकसभा से मंजूर की गईं व्यय मांगों और संचित निधि में से किए जाने वाले खर्चों को एकत्रित करके एक विधेयक बनाया जाता है, जिसे विनियोग विधेयक कहा जाता है। इसे भी लोकसभा में पेश किया जाता है।
फाइनेंस बिल: केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित किए गए नए करों का विवरण होता है, जिसमे मौजूदा करों में कुछ संशोधन भी शामिल होता है।
वित्त विधेयक में प्रावधान की व्याख्या का ज्ञापन: यह वित्त विधेयक में निहित कराधान प्रस्तावों को समझाने का एक व्याख्यात्म दस्तावेज है। साथ ही इसमें प्रावधानों और उसके प्रभावों का भी उल्लेख होता है।
एक्सपेंडीचर बजट वॉल्यूम-1: एक्सपेंडीचर बजट वाल्यूम-1 के अंतर्गत राजस्व और मूल अदायगी शामिल होता है, जो कि योजनागत और गैर-योजनागत अनुमानों के बारे में बताता है।
एक्सपेंडीचर बजट वॉल्यूम-2: व्यय अनुदान मांगों में प्रस्तावित अंतर्निहित उद्देश्य को समझाने वाला यह एक दस्तावेज होता है, जिसमें प्रमुख कार्यक्रमों पर व्यय के विभिन्न मदों का एक संक्षिप्त विवरण, बदलाव के कारणों के साथ मांगों में एक साथ शामिल पिछले वर्ष के लिए बजट अनुमान और संशोधित अनुमानों के बीच का अंतर और चालू वित्त वर्ष के अनुमान का उल्लेख किया जाता है।
रिसीप्ट्स बजट: वार्षिक वित्तीय विवरण में शामिल प्राप्तियों का अनुमान एक बार फिर से रिसीप्ट बजट में समझाया और विश्लेषित किया जाता है। सालभर के भीतर की राजस्व और पूंजीगत प्राप्तियों का ट्रेंड और बाहरी सहायता का पूरा ब्यौरा इसमे शामिल होता है।
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