WPI Inflation: मई में थोक महंगाई में 12.94% की रिकॉर्ड वृद्धि, जानिए इस भारी तेजी की वजह

WPI Inflation थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर मई में 12.94 फीसद के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। क्रूड ऑयल और विनिर्मित वस्तुओं (मैन्युफैक्चरिंग गुड्स) की कीमतों में उछाल से थोक मुद्रास्फीति में यह उछाल देखने को मिला है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 12:51 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 01:35 PM (IST)
WPI Inflation: मई में थोक महंगाई में 12.94% की रिकॉर्ड वृद्धि, जानिए इस भारी तेजी की वजह
अप्रैल में थोक मुद्रास्फीति 10.49 फीसद पर रही थी।

नई दिल्ली, पीटीआइ। थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर मई में 12.94 फीसद के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। क्रूड ऑयल और विनिर्मित वस्तुओं (मैन्युफैक्चरिंग गुड्स) की कीमतों में उछाल से थोक मुद्रास्फीति में यह उछाल देखने को मिला। लो बेस इफेक्ट की वजह से भी मई, 2021 में WPI Inflation में यह रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली। मई, 2020 में थोक महंगाई दर (-) 3.37 फीसद पर रही थी। मई लगातार पांचवां महीना रहा, जब थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति में बढ़त देखे को मिली। अप्रैल, 2021 में भी थोक महंगाई दर दो अंकों में रही थी। अप्रैल में थोक मुद्रास्फीति 10.49 फीसद पर रही थी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है, ''मासिक WPI पर आधारित महंगाई की सालाना दर मई, 2021 में 12.94 फीसद पर रही। मई 2020 में थोक महंगाई दर (-) 3.37 फीसद पर रही थी।''

मंत्रालय ने कहा है, ''मई, 2021 में उच्च महंगाई दर की मुख्य वजह लो बेस इफेक्ट के साथ क्रूड पेट्रोलियम, मिनरल ऑयल, पेट्रोल, डीजल, naphtha, furnace oil इत्यादि और मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स के मूल्य में तेजी से मई, 2021 में महंगाई में काफी तेज दर से वृद्धि दर्ज की गई।''

मई, 2021 में फ्यूल और पावर बास्केट में थोक महंगाई दर में 37.61 फीसद का उछाल दर्ज किया गया। अप्रैल में इन दोनों सेक्टर्स में मुद्रास्फीति 20.94 फीसद की तेजी दर्ज की गई। मई, 2021 में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में थोक महंगाई दर में 10.83 फीसद की बढ़त देखने को मिली।

हालांकि, प्याज की कीमतों में उछाल के बावजूद खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर मई, 2021 में मामूली नरमी के साथ 4.31 फीसद पर रही।

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा। इसके साथ ही नीतिगर रुख को भी उदार बनाए रखा।

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