अमेजन-फ्यूचर विवाद: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिला स्टे, तो एकल-न्यायाधीश के आदेश को करेंगे लागू

अमेजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिसमें सिंगापुर की आपातकालीन मध्यस्थता अदालत (ईए) की ओर से FRL को सौदे पर आगे बढ़ने से रोकने वाले आदेश को लागू कराने के लिए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से कोई स्थगन

By NiteshEdited By: Publish:Wed, 18 Aug 2021 09:18 AM (IST) Updated:Wed, 18 Aug 2021 09:18 AM (IST)
अमेजन-फ्यूचर विवाद: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिला स्टे, तो एकल-न्यायाधीश के आदेश को करेंगे लागू
Will implement single judge order against Reliance deal Delhi High Court to Future Group

नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अगर चार सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट से कोई स्थगन नहीं मिलता है, तो वह फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) को रिलायंस रिटेल के साथ हुए सौदे में आगे बढ़ने से रोकने वाले एकल न्यायधीश के आदेश को लागू करेगा। FRL ने 24,713 करोड़ रुपये में अपना कारोबार रिलायंस रिटेल को बेचने के लिए एक सौदा किया है, इस पर अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन को आपत्ति है।

अमेजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिसमें सिंगापुर की आपातकालीन मध्यस्थता अदालत (ईए) की ओर से FRL को सौदे पर आगे बढ़ने से रोकने वाले आदेश को लागू कराने के लिए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से कोई स्थगन नहीं होने पर उनके सामने न्यायमूर्ति जे आर मिधा की ओर से 18 मार्च को पारित आदेश लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

न्यायाधीश ने कहा, 'या तो 18 मार्च के आदेश पर 2-3 सप्ताह के भीतर स्थगन मिले या आदेश का पालन करें। इस अदालत के पास कोई तीसरा विकल्प नहीं है।

अगली सुनवाई 17 सितंबर को

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को लिस्टेड की जिसमें कहा गया कि 'मैं यह स्पष्ट करता हूं कि यदि प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख से पहले कोई स्थगन आदेश नहीं मिलता है, तो यह अदालत मामले में आगे बढ़ते हुये 18 मार्च 2021 के आदेश को लागू करेगी।'

फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) और अन्य संबंधित पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने कहा कि 18 मार्च के आदेश के खिलाफ उनके मुवक्किलों द्वारा पहले ही उच्चतम न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की जा चुकी है।

एफआरएल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने कहा कि उनके मुवक्किल ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के समक्ष एक आवेदन दिया है और शीर्ष अदालत के समक्ष अपील भी की जाएगी।

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