क्या होता है PAN, TAN और TIN, कहां होता है इनका इस्तेमाल, जानिए बेसिक अंतर
PAN TAN and TIN PAN अक्षरों और संख्याओं से बना दस अंकों का कोड है जो PAN लेने वालों को जारी किया जाता है। कार्डधारक की ओर से किए गए सभी लेनदेन पर नजर रखने के लिए सरकार इसे जारी करती है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। टैक्सेशन के क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली शब्दावली एक समान लग सकती है, लेकिन उसका मतलब और उद्देश्य अलग हो सकते हैं। आप जिस भाषा को नहीं समझते हैं उसका सामना किए बिना टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया से गुजरना मुश्किल है। पैन, टैन, और टिन कुछ ऐसे सबसे प्रचलित शब्द हैं जिनसे होकर आपको गुजरना होगा। हम इस खबर में आपको तीनों का मतलब और काम विस्तार से बता रहे हैं।
Permanent Account Number (PAN) क्या है?
PAN अक्षरों और संख्याओं से बना दस अंकों का कोड है जो PAN लेने वालों को जारी किया जाता है। कार्डधारक की ओर से किए गए सभी लेनदेन पर नजर रखने के लिए सरकार इसे जारी करती है। संक्षेप में पैन एक संख्या है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति, व्यवसाय या किसी अन्य टैक्स पेमेंट यूनिट द्वारा किए गए सभी लेनदेन पर नज़र रखने के लिए किया जाता है। हर PAN अलग-अलग होता है।
Tax Deduction and Collection Account Number (TAN) क्या है?
आयकर विभाग TAN नामक एक 10-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक कोड जारी करता है, जिसका उपयोग स्रोत पर एकत्रित कर (TCS) और स्रोत पर कर कटौती (TDS) को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। TCS या टीडीएस से संबंधित दस्तावेजों में TAN का प्रावधान कटौती करने वालों के लिए जरूरी है। यदि आप टैन को शामिल नहीं करते तो बैंक आपके टीडीएस भुगतान और रिटर्न को अस्वीकार कर सकते हैं। TAN के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने के लिए फॉर्म 49B का उपयोग किया जा सकता है।
Tax Identification Number (TIN) क्या है?
किसी भी व्यक्तिगत व्यवसाय मालिक या इकाई को एक टिन दिया जाता है जिसने मूल्य वर्धित कर (वैट) के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। इसका उपयोग अंतर-राज्यीय बिक्री लेनदेन के लिए भी किया जाता है और कई वैट भुगतानों की ट्रैकिंग की सुविधा मिलती है। इसमें 11 अंक हैं, जिसमें पहले दो राज्य के कोड को बताते हैं। यह गृह मंत्रालय द्वारा अनिवार्य किया गया है।