Vodafone Retrospective Tax Case: वोडाफोन को भारत सरकार के खिलाफ आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल में मिली बड़ी जीत

Vodafone Retrospective Tax Case मौजूदा मामला टैक्स से जुड़े देश के सबसे हाइ-प्रोफाइल विवादों में से एक था। दे हेग स्थित एक ट्रिब्यूनल ने कहा है कि वोडाफोन पर भारत सरकार द्वारा डाली गई कर देनदारी भारत और नीदरलैंड के बीच के निवेश समझौता का उल्लंघन है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 04:05 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 04:21 PM (IST)
Vodafone Retrospective Tax Case: वोडाफोन को भारत सरकार के खिलाफ आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल में मिली बड़ी जीत
यह मामला 20,000 करोड़ रुपये के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स से जुड़ा है।

नई दिल्ली, रायटर्स। दिग्गज टेलीकॉम कंपनी Vodafone Group Plc को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण में भारत सरकार के खिलाफ 20,000 करोड़ रुपये के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स विवाद में बड़ी जीत मिली है। वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मौजूदा मामला टैक्स से जुड़े देश के सबसे हाइ-प्रोफाइल विवादों में से एक था। एक सूत्र ने बताया कि दे हेग स्थित एक ट्रिब्यूनल ने कहा है कि वोडाफोन पर भारत सरकार द्वारा डाली गई कर देनदारी भारत और नीदरलैंड के बीच के निवेश समझौता का उल्लंघन है। ब्रिटेन की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स से जुड़े इस मामले में जीत दर्ज की है।

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— Reuters India (@ReutersIndia) September 25, 2020

एक सूत्र ने बताया कि भारत सरकार ने कुल 279 अरब रुपये का दावा किया था। इसमें करीब दो अरब डॉलर के टैक्स व ब्याज एवं जुर्माना शामिल थे। 

सूत्र के अनुसार न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में कहा कि भारत सरकार को वोडाफोन से बकाया मांगना बंद करना चाहिए और कानूनी खर्चे की आंशिक क्षतिपूर्ति के लिए कंपनी को 43 लाख पाउंड का भुगतान करना चाहिए।

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह अपने वकीलों के साथ इस मामले का ध्यान से अध्ययन करेगा। वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि विचार-विमर्श के बाद सरकार सभी विकल्पों पर विचार करेगी और आगे की कार्यनीति को लेकर कोई फैसला करेगी। 

यह विवाद Hutchison Whampoa की भारतीय मोबाइल परिसंपत्तियों के 2007 में वोडाफोन द्वारा अधिग्रहण के समय से चला आ रहा है। सरकार का कहना है कि वोडाफोन पर अधिग्रहण के लिए कर देनदारी बनती है, जिसे कंपनी ने चुनौती दी थी। 

वर्ष 2012 में भारत के शीर्ष न्यायालय ने टेलीकॉम कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था लेकिन सरकार ने उसी साल नियमों में बदलाव किया, जिससे सरकार को पहले पूरी चुकी डील पर भी टैक्स लेने की शक्ति हासिल हो गई। 

शुक्रवार को Vodafone की भारतीय इकाई के शेयरों में 13 फीसद की तेजी दर्ज की गई। 

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