Venus Remedies ने फ्रांस की कंपनी के साथ जीता पैरासिटामोल का पेटेंट विवाद, 10 वर्षों से चल रही थी कानूनी लड़ाई

मालूम हो कि वीनस रेमेडीज ने वर्ष 2011 में पेटेंट का विरोध किया था। इसके बाद पेटेंट 2018 में वापस ले लिया गया था। हालांकि एससीआर फार्माटॉप ने बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय और बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड (आईपीएबी) का रुख किया था।

By NiteshEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:00 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:38 AM (IST)
Venus Remedies ने फ्रांस की कंपनी के साथ जीता पैरासिटामोल का पेटेंट विवाद, 10 वर्षों से चल रही थी कानूनी लड़ाई
मालूम हो कि वीनस रेमेडीज ने वर्ष 2011 में पेटेंट का विरोध किया था

नई दिल्ली, पीटीआइ। दवा निर्माता कंपनी वीनस रेमेडीज (Drug firm Venus Remedies) ने फ्रांस की कंपनी SCR Pharmatop के साथ पैरासिटामोल दवा के पेटेंट अधिकार की लड़ाई जीत ली है, ये लड़ाई दस वर्षों से चली आ रही थी। भारतीय दवा कंपनी ने देश में पेरासिटामोल समाधान के निर्माण में पेटेंट अधिकार की बाधा को दूर करने के लिए कानूनी लड़ाई शुरू की थी। भारतीय पेटेंट कार्यालय ने चार जून के अपने फैसले में भारतीय दवा कंपनी के पक्ष में अपना निर्णय सुनाया और पेटेंट को वापस लेने के अपने निर्णय को बरकरार रखा।

मालूम हो कि वीनस रेमेडीज ने वर्ष 2011 में पेटेंट का विरोध किया था। इसके बाद पेटेंट 2018 में वापस ले लिया गया था। हालांकि, एससीआर फार्माटॉप ने बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय और बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड (आईपीएबी) का रुख किया था।

कंपनी के अध्यक्ष सारांश चौधरी ने कहा कि कोरोना के इस मुश्किल दौर में हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना था कि इंट्रावेनस पेरासिटामोल जैसी जरूरी दवाएं हमारे देश में आम जनता के लिए सस्ती कीमतों पर सामान्य रूप से निर्मित और सुलभ होती रहें।

वीनस रेमेडीज की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया कि इंजेक्शन के रूप में दी जाने वाली पेरासिटामोल (इंट्रावेनस) तपन और बुखार जैसी बीमारियों में काफी अच्छा काम करती है। इस दवा पर से पेटेंट बाधा को दूर करना मौजूदा कोविड-19 महामारी से जूझ रहे देश में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए एक अच्छा घटनाक्रम है।

हिमाचल के बद्दी स्थित वीनस रेमेडीज 70 से अधिक देशों में उपस्थिति के साथ दुनिया के अग्रणी पेरासिटामोल इंजेक्शन विनिर्माताओं में से एक है।

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