वेदांता को मार्च तिमाही में 12,521 करोड़ रुपये का भारी घाटा; तेल, गैस के दाम में कमी से हुआ नुकसान
वेदांता के सीइओ सुनील दुग्गल ने कहा कि इन मुश्किल परिस्थितियों में कंपनी देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। वेदांता ने शनिवार को जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही में कंपनी को 12,521 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ। कंपनी ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। वेदांता को पिछले साल की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 2,615 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी ने बताया है कि इस साल जनवरी से मार्च के दौरान कंपनी की एकीकृत आय भी पिछले साल की समान तिमाही की 25,096 करोड़ रुपये से घटकर 20,382 करोड़ रुपये पर रह गई। वेदांता के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील दुग्गल ने बयान जारी कर कहा है कि पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में कोविड-19 ने दुनिया और भारत को प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि इन मुश्किल भरी परिस्थितियों में कंपनी ने अपनी परिसंपत्तियों और कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए प्रोएक्टिव तरीके से कदम उठाए हैं। दुग्गल ने कहा कि इन मुश्किल परिस्थितियों में कंपनी देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में 17,132 करोड़ रुपये के एक्सेप्शनल आइटम की वजह से कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ''वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी को 17,386 करोड़ रुपये का एक्सेप्शनल घाटा उठाना पड़ा। मुख्य रूप से तेल और गैस जैसी परिसंपत्तियों के मूल्य में ह्रास की वजह से ऐसा हुआ है। इसक मुख्य कारण कोविड-19 की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट है।''