Crude oil के निर्यात के मामले में अमेरिका, सऊदी अरब के बीच नंबर वन बने रहने की रेस

अमेरिका शेल ऑयल के रिकार्ड उत्पादन की वजह से जून में सबसे बड़ा निर्यातक बनकर है। आईईए ने एक रिपोर्ट में कहा है कि शेल ऑयल का उत्पादन बढ़ने से ऐसा हो सका।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 03:30 PM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 04:02 PM (IST)
Crude oil के निर्यात के मामले में अमेरिका, सऊदी अरब के बीच नंबर वन बने रहने की रेस
Crude oil के निर्यात के मामले में अमेरिका, सऊदी अरब के बीच नंबर वन बने रहने की रेस

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कच्चे तेल के निर्यात का जिक्र आते ही सबसे पहले सऊदी अरब, ईरान एवं अन्य खाड़ी देशों का नाम दिमाग में आता है लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अमेरिका भी दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देशों की रेस में शामिल है। वह जून में शीर्ष तेल निर्यातक बन भी गया था, हालांकि जुलाई-अगस्त में वह सऊदी अरब से पिछड़ गया। लेकिन सबसे बड़ा तेल निर्यातक बने रहने की रेस अब भी बनी हुई है।

अमेरिका शेल ऑयल के रिकार्ड उत्पादन की वजह से जून में सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि शेल ऑयल का उत्पादन बढ़ने से अमेरिका ने जून में प्रतिदिन 90 लाख बैरल क्रूड एवं तेल उत्पादों को निर्यात किया। इस तरह तेल निर्यात के मामले में वह पहले स्थान पर पहुंच गया।

ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब भी तेल के अधिक निर्यात की संभावनाएं हैं क्योंकि कंपनियां टेक्सास एवं न्यू मैक्सिको के प्रोडक्शन फील्ड से उत्पाद को तटीय इलाकों में भेजने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही हैं।

ओपेक देशों ने अपने पहले के स्टॉक को खत्म करने के लिए तीन साल से प्रोडक्शन में कटौती की है। हालांकि, अमेरिका की ओर से आपूर्ति बढ़ाये जाने के कारण ओपेक देशों की मुहिम को झटका लगा है। अमेरिकी उत्पादन में बढ़ोत्तरी के साथ अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध एवं वैश्विक मांग को लेकर चिंताओं के बीच ब्रेंट क्रूड अप्रैल के अपने उच्चतम स्तर से 20 फीसद लुढ़क गया है।

आईईए ने कहा है कि अमेरिका के निर्यात में वृद्धि की बदौलत जून में क्रूड ऑयल के निर्यात में प्रतिदिन 30 लाख बैरल की बढ़ोत्तरी हुई है। यह बढ़ोत्तरी ऐसे वक्त में हुई है जब सऊदी अरब ने ओपेक समझौते के तहत निर्यात घटाया है जबकि द्रुझबा पाइपलाइन संकट के कारण रूस का निर्यात प्रभावित हुआ है।

आईईए के मुताबिक सऊदी अरब जुलाई और अगस्त में फिर से सबसे बड़ा निर्यातक बन गया। इसके पीछे कि वजह यह है कि हरिकेन की वजह से अमेरिका का उत्पादन बाधित हो गया। साथ ही ट्रेड वार की वजह से शेल ऑयल के निर्यात के लिए बाजार ढूंढना मुश्किल हो गया।

हालांकि, तेल के निर्यात के मामले में नंबर वन बने रहने की लड़ाई आने वाले महीनों में भी बने रहने की संभावना है। ऐसा इसलिए कि सऊदी अरब ने उत्पादन में कटौती जारी रखा है जबकि नए इंफ्रास्ट्रक्चर के मजबूत होने के साथ अमेरिका चौथे क्वार्टर में उत्पादन में और बढ़ोत्तरी कर सकता है।

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