केंद्रीय कैबिनेट ने वित्त विधेयक, 2021 से जुड़े संशोधन को दी मंजूरी, इन प्रस्तावों पर भी मंत्रिमंडल की मुहर

केंद्रीय कैबिनेट ने वित्त विधेयक 2021 में संशोधनों को मंगलवार को मंजूरी दे दी। वित्त विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर स्टेकहोल्डर्स की चिंताओं के समाधान और विभिन्न प्रस्ताओं को स्पष्ट करने और तार्किक बनाने के लिए ये संशोधन काफी अहम हो गए थे।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 04:51 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 07:25 AM (IST)
केंद्रीय कैबिनेट ने वित्त विधेयक, 2021 से जुड़े संशोधन को दी मंजूरी, इन प्रस्तावों पर भी मंत्रिमंडल की मुहर
वित्त विधेयक, 2021 में संशोधन का लक्ष्य सभी टैक्सपेयर्स का समावेशित करना और समानता सुनिश्चित करना है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय कैबिनेट ने वित्त विधेयक, 2021 में संशोधनों को मंगलवार को मंजूरी दे दी। वित्त विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर स्टेकहोल्डर्स की चिंताओं के समाधान और विभिन्न प्रस्ताओं को स्पष्ट करने और तार्किक बनाने के लिए ये संशोधन काफी अहम हो गए थे। वित्त विधेयक, 2021 में संशोधन का लक्ष्य सभी टैक्सपेयर्स का समावेशित करना और समानता सुनिश्चित करना है। वित्त विधेयक, 2021 में संशोधन टैक्स से जुड़े प्रस्ताव हैं, जिससे सरकार को समय पर राजस्व के सृजन और टैक्सपेयर्स की शिकायतों के निवारण के जरिए प्रावधानों को सरल करने में मदद मिलेगी।  

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के बाद वित्त विधेयक, 2021 इस साल के 28 मार्च को वित्त अधिनियम, 2021 बन गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गईः

केंद्रीय कैबिनेट ने बेंगलुरु मेट्रो प्रोजेक्ट के फेज 2A और फेज 2B को भी अपनी मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी। फेज 2A का निर्माण सेंट्रल सिल्क बोर्ड जंक्शन से के आर पुरम, फेज 2B का निर्माण के आर पुरम से एयरपोर्ट (वाया हेब्बल जंक्शन) के बीच किया जाएगा। प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 58.19 किलोमीटर है। इस प्रोजेक्ट पर कुल 14,788.101 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

केंद्रीय कैबिनेट ने तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड द्वारा कोयले के गैसेफिकेशन से उत्पादित यूरिया के लिए विशेष सब्सिडी पॉलिसी को भी अपनी स्वीकृति दे दी। गोयल ने बताया कि इससे सालाना आधार पर 12.7 लाख टन यूरिया का आयात घटाने में मदद मिलेगी। इससे फॉरेन एक्सचेंज की बचत होगी। भारत में अपनी तरह की इस पहली परियोजना पर करीब 13,277 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यूरिया भारत में व्यापक तौर पर इस्तेमाल में लाए जाने वाला उर्वरक है।

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