बांड मार्केट को मजबूत करने के लिए कई सुधार की है गुंजाइश: सेबी प्रमुख अजय त्यागी
बांड बाजार की बेहतरी के लिए कई सुधार पाइपलाइन में हैं जिसमें मार्केट मेकर्स का एक सेट बनाना और इनवेस्टमेंट ग्रेड डेट सिक्युरिटी की खरीद के लिए बैकस्टॉप सुविधा स्थापित करना शामिल है। सेबी के चीफ अजय त्यागी ने गुरुवार को यह जानकारी उपलब्ध कराई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। Sebi प्रमुख अजय त्यागी ने गुरुवार को कहा "कि बांड बाजार को और बेहतर बनाने के लिए कई सुधार पाइपलाइन में हैं, जिसमें मार्केट मेकर्स का एक सेट बनाना और इनवेस्टमेंट ग्रेड डेट सिक्युरिटी की खरीद के लिए बैकस्टॉप सुविधा बनाना शामिल है।" मार्केट मेकर्स ऐसी संस्थाएं हैं जो ऐसे बॉन्ड के लिए सेकेंडरी मार्केट में लिक्विडिटी पैदा करने के लिए कॉरपोरेट बॉन्ड के लिए खरीद और बिक्री मूल्य दोनों का निर्माण करती हैं।
उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में त्यागी ने कहा कि "होने वाले अन्य प्रमुख सुधार में से कॉरपोरेट बॉन्ड में रेपो के लिए सीमित प्रयोजन समाशोधन निगम को बनाना शामिल है। कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार के रुझानों के अनुसार, लगभग 97-98 फीसद कॉरपोरेट बॉन्ड निजी प्लेसमेंट के जरिए जारी किए जाते हैं और लगभग 90 फीसद निर्गम 'एए' और उससे ऊपर की रेटिंग के होते हैं। सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग में गहराई का आभाव होता है और इसमें काफी हद तक म्यूचुअल फंड का बोलबाला होता है।"
सेबी प्रमुख ने कहा, "हमें और अधिक पब्लिक इश्यू, अपेक्षाकृत कम रेटिंग वाले बांड जारी करने और सेकेंडरी मार्केट में और अधिक कंपनियों के साथ गहराई बढ़ाने की जरूरत है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ पहल की हैं और कुछ और पाइपलाइन में हैं। नियामक द्वारा किए गए उपायों में एक साल में आईएसआईएन की संख्या को सीमित करना, बड़े उधारकर्ताओं के लिए बांड के माध्यम से कुछ न्यूनतम उधार लेना अनिवार्य करना और पहले और बाद के व्यापार पारदर्शिता में सुधार के लिए आरएफक्यू मंच शुरू करना शामिल है।"
इसके अलावा त्यागी ने यह भी कहा कि "पाइपलाइन में सुधारों में कॉरपोरेट बॉन्ड में रेपो के लिए एक लिमिटेड पर्पज क्लियरिंग कॉर्पोरेशन बनाना, स्ट्रेस और नार्मल टाइम में निवेश ग्रेड डेट सिक्युरिटी की खरीद के लिए बैकस्टॉप सुविधा बनाना और बांड बाजार में बाजार निर्माताओं के रूप में कार्य करने वाले इंटरमिडीएट के एक समूह को सक्षम करना शामिल है।"