2022 तक 30 लाख छंटनी करेंगी आईटी कंपनियां, रिपोर्ट में सामने आई बात, जानिए क्या है बड़ी वजह

बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन या आरपीए की वजह से इन 90 लाख लोगों में से 30 प्रतिशत लोग या करीब 30 लाख लोगों की नौकरियां नहीं रहेंगी। अकेले आरपीए की वजह से करीब सात लाख कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:33 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 10:22 AM (IST)
2022 तक 30 लाख छंटनी करेंगी आईटी कंपनियां, रिपोर्ट में सामने आई बात, जानिए क्या है बड़ी वजह
बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है

नई दिल्ली, पीटीआइ। टेक्नोलॉजी क्षेत्र में ऑटोमेशन के तेजी से बढ़ने के साथ 1.6 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाली घरेलू सॉफ्टवेयर कंपनियां 2022 तक 30 लाख कर्मचारियों की छंटनी करेंगी। इससे इन कंपनियों को 100 अरब डॉलर की बचत होगी, कंपनियों इन बचत का ज्यादातर हिस्सा वेतन पर खर्च करती हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। नासकॉम के अनुसार, घरेलू आईटी क्षेत्र करीब 1.6 करोड़ लोगों को रोजगार देता है जिनमें से 90 लाख लोग कम कौशल वाली सेवाओं और बीपीओ सेवाओं में तैनात हैं।

बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन या आरपीए की वजह से इन 90 लाख लोगों में से 30 प्रतिशत लोग या करीब 30 लाख लोगों की नौकरियां नहीं रहेंगी। अकेले आरपीए की वजह से करीब सात लाख कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी और बाकी नौकरियां घरेलू आईटी कंपनियों के दूसरे टेक्नोलॉजी अपनाने से और स्किल में वृद्धि की वजह से जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक, आरपीए का अमेरिकी में बुरा असर पड़ेगा और वहां करीब 10 लाख नौकरियां जाएंगी।

मालूम हो कि आरपीए रोबोट नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर का एक ऐप्लिकेशन है जो नियमित और ज्यादा मेहनत वाले काम करता है। इससे कर्मचारियों को अन्य कामों पर ज्यादा ध्यान देने में मदद मिलती है। यह साधारण सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन जैसा नहीं है, क्योंकि यह कर्मचारियों के काम करने के तरीके की नकल करता है। यह समय की बचत करता है, लागत में कमी करता है।

रिपोर्ट के अनुसार, 'टीसीएस, विप्रो, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल, कोग्निजेंट और अन्य आरपीए कौशल वृद्धि के चलते 2022 तक कम कौशल वाली भूमिकाओं में 30 लाख की कमी करने की योजना बनाते दिख रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में संसाधनों के लिए कर्मचारियों के वेतन पर सालाना 25,000 डॉलर और अमेरिकी संसाधनों के लिए 50,000 डॉलर के खर्च के आधार पर इससे कॉरपोरेट के लिए वार्षिक वेतनों और संबंधित खर्चों पर करीब 100 अरब डॉलर की बचत होगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इतने व्यापक स्तर पर ऑटोमेशन के बावजूद जर्मनी (26 प्रतिशत), चीन (सात प्रतिशत), भारत (पांच प्रतिशत), दक्षिण कोरिया, ब्राजील, थाइलैंड, मलेशिया और रूस जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं श्रम की कमी का सामना कर सकती हैं।

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