चीनी उत्पादन बढ़कर 234 लाख टन पहुंचा, मिलों ने चीनी का मूल्य बढ़ाने की मांग की
चीनी के निर्यात में सामने आ रही परेशानियों का जिक्र करते हुए इस्मा ने कहा कि ट्रकों एवं कंटेनर की कमी के चलते निर्यात कारोबार प्रभावित हुआ है। सरकार से इसे दूर करने की गुजारिश की गई है। ज्ञात हो कि चीनी के निर्यात के लिए सरकार
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में चीनी का उत्पादन अक्टूबर से फरवरी के दौरान बढ़कर 233.77 लाख टन पहुंच चुका है। पिछले सीजन की समान अवधि की तुलना में यह 20 फीसद अधिक रहा। चीनी मिलों की शीर्ष संस्था इस्मा ने इसकी जानकारी देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार को चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) बढ़ाना चाहिए। इससे मिलों पर गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने में मदद मिलेगी।
मौजूदा चीनी मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर, 2020 - सितंबर, 2021) के दौरान गन्ने की बंपर पैदावार हुई है। इससे उत्पादन स्तर नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने कहा कि अच्छी स्थिति रहने के बावजूद मिलों पर किसानों के प्रति देनदारी बढ़ती जा रही है। परेशानी दूर करने के लिए इस्मा ने सरकार से चीनी का एमएसपी बढ़ाकर 34.5 रुपये करने की गुजारिश की है। मौजूदा समय में यह 31 रुपये प्रति किलो है।
पिछले वर्ष की इसी अवधि में 194.82 लाख टन के चीनी उत्पादन की तुलना में, वर्ष 2020-21 में फरवरी तक 233.77 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। अक्टूबर-फरवरी 2020-21 की अवधि के दौरान, महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन एक वर्ष पूर्व की समान अवधि के 50.70 लाख टन की तुलना में बढ़कर इस बार 84.85 लाख टन हो गया। उत्तर प्रदेश में उत्पादन 76.86 लाख टन की जगह 74.20 लाख टन रहा। कर्नाटक में फरवरी तक चीनी उत्पादन पिछले साल इसी अवधि के 32.60 लाख टन की तुलना में बढ़कर 40.53 लाख टन रहा।
चीनी के निर्यात में सामने आ रही परेशानियों का जिक्र करते हुए इस्मा ने कहा कि ट्रकों एवं कंटेनर की कमी के चलते निर्यात कारोबार प्रभावित हुआ है। सरकार से इसे दूर करने की गुजारिश की गई है। ज्ञात हो कि चीनी के निर्यात के लिए सरकार मिलों को प्रोत्साहन देती है।