Sugar Production में 15 जून तक हुआ 13 फीसद का इजाफा, 58 लाख टन निर्यात का अब तक हुआ है अनुबंध

देश का चीनी उत्पादन चालू मार्केटिंग वर्ष में 15 जून तक 13 फीसद बढ़कर 306.65 लाख टन पर पहुंच गया है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार गन्ने की उच्च पैदावार की वजह से चीनी उत्पादन में यह बढ़ोतरी हुई है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:42 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:42 AM (IST)
Sugar Production में 15 जून तक हुआ 13 फीसद का इजाफा, 58 लाख टन निर्यात का अब तक हुआ है अनुबंध
चीनी का मार्केटिंग वर्ष अक्टूबर से शुरू होकर अगले वर्ष सितंबर तक रहता है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश का चीनी उत्पादन चालू मार्केटिंग वर्ष में 15 जून तक 13 फीसद बढ़कर 306.65 लाख टन पर पहुंच गया है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार गन्ने की उच्च पैदावार की वजह से चीनी उत्पादन में यह बढ़ोतरी हुई है। इस्मा ने कहा कि पिछले वर्ष पहली अक्टूबर से लेकर इस वर्ष 15 जून तक पिछले वर्ष समान अवधि के मुकाबले चीनी उत्पादन 35.54 लाख टन अधिक हुआ है। पिछले वर्ष इस अवधि में 271.11 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

चीनी का मार्केटिंग वर्ष अक्टूबर से शुरू होकर अगले वर्ष सितंबर तक रहता है। वर्तमान चीनी मार्केटिंग वर्ष 30 सितंबर, 2021 को खत्म होगा। इस्मा के अनुसरा वर्तमान में देशभर में सिर्फ पांच चीनी मिलें चालू हैं। उत्तर प्रदेश में समीक्षाधीन अवधि के दौरान चीनी उत्पादन घटकर 110.61 लाख टन रहा है। पिछले वर्ष समान अवधि के दौरान राज्य में 126.30 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। हालांकि महाराष्ट्र और कर्नाटक में इसी अवधि के दौरान चीनी उत्पादन में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान महाराष्ट्र में 106.28 टन चीनी का उत्पादन हुआ जो पिछले वर्ष इसी अवधि में सिर्फ 61.69 लाख टन रहा था। कर्नाटक में चालू मार्केटिंग वर्ष के दौरान 15 जून तक चीनी उत्पादन पिछले वर्ष समान अवधि के 33.80 लाख टन से बढ़कर 41.67 लाख टन पर जा पहुंचा।

इस्मा ने कहा कि चालू मार्केटिंग वर्ष के लिए सरकार ने 60 लाख टन चीनी के निर्यात की इजाजत दी थी। इसमें से कंपनियों ने अब तक 58 लाख टन का अनुबंध कर लिया है। इनमें से 45.74 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है। जून में पांच से छह लाख टन चीनी का निर्यात प्रस्तावित है। संगठन का कहना था कि चालू मार्केटिंग वर्ष में चीनी की मांग 260 लाख टन तक पहुंच सकती है, जो पिछले वर्ष 253 लाख टन थी।

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