Share Market की ऊंची उड़ान, TCS समेत इन शेयरों ने बढ़ाई Sensex की तेजी
BSE Sensex गुरुवार को बड़ी बढ़त के साथ खुला। Sensex 226 अंक ऊपर 52532 अंक पर खुला। इस दौरान TCS समेत एक दर्जन से ज्यादा शेयरों में तेजी देखी गई। Nifty 50 भी 62 अंक ऊपर कारोबार कर रहा था।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। BSE Sensex गुरुवार को बड़ी बढ़त के साथ खुला। Sensex 226 अंक ऊपर 52532 अंक पर खुला। इस दौरान TCS समेत एक दर्जन से ज्यादा शेयरों में तेजी देखी गई। Nifty 50 भी 62 अंक ऊपर कारोबार कर रहा था। खबर लिखे जाने तक वह 15749 के High पर था।
इससे पहले बुधवार को बीएसई सेंसेक्स में पिछले तीन दिनों की तेजी के बाद गिरावट दर्ज की गई थी। एशियाई बाजारों में मजबूत रुख के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज, वित्तीय और धातु शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया। कारोबारियों के अनुसार विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने से बिकवाली में तेजी रही। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में तेजी से गिरावट पर अंकुश लगा।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 282.63 अंक यानी 0.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,306.08 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 85.80 अंक यानी 0.54 प्रतिशत टूट कर 15,686.95 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में 1.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में कोटक बैंक का शेयर रहा। इसके अलावा, एल एंड टी, टाटा स्टील, एचडीएफसी, टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, और आईसीआईसीआई बैंक भी नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, मारुति, टाइटन, बजाज फिनसर्व, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई 2.3 प्रतिशत तक लाभ में रहे। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 23 नुकसान में जबकि केवल 7 लाभ में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार में कोई ठोस संकेत के अभाव में बाजार में सुधार जारी है। साथ ही विदेशी कोषों की निकासी से निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। वैश्विक बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में धीमी गति से वृद्धि के आश्वासन के बावजूद बाजार में तेजी नहीं लौट रही। वाहन को छोड़कर सभी खंडवार सूचकांक नुकसान में रहे। सभी विनिर्माताओं के वाहनों के दाम बढ़ाने की घोषण से वाहन सूचकांक में तेजी रही। लॉकडाउन पाबंदियों में ढील तथा टीकाकरण अभियान में तेजी से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और इसका सकारात्मक असर वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में देखने को मिलेगा।