शेयर बाजार में गिरावट से छह दिन में निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा स्वाहा, जानिए क्या है बड़ी वजह

कारोबारियों के मुताबिक इकोनॉमिक रिकवरी को लेकर बढ़ती चिंताओं और केंद्रीय बैंकों द्वारा नए सिरे से प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिए जाने से वैश्विक बाजारों में बिकवाली देखने को मिल रही है। गुरुवार के कारोबार में हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान में बंद हुए।

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:06 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 09:05 AM (IST)
शेयर बाजार में गिरावट से छह दिन में निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा स्वाहा, जानिए क्या है बड़ी वजह
शेयर बाजार में गिरावट से 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा स्वाहा

नई दिल्ली, पीटीआइ। शेयर बाजार में गिरावट से छह दिनों में निवेशकों के 11,31,815.5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं। छठे सत्र में गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 1,114.82 अंक या 2.96 फीसद गिरकर 36,553.60 अंक पर बंद हुआ। बीएसई-लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1,48,76,217.22 करोड़ रुपये रहा, जो छह सत्रों में गिरकर 11,31,815.5 करोड़ रुपये पर आ गया। 16 सितंबर से 30 शेयरों वाला बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स 2,749.25 अंक गिर गया है। गुरुवार के कारोबार में हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान में बंद हुए।

सबसे ज्यादा गिरावट इंडसइंड बैंक में रहा, इसके शेयर 7.10 फीसद तक गिर गए, इसके बाद बजाज फाइनेंस, एमएंडएम, टेक महिंद्रा, टीसीएस और टाटा स्टील के शेयर रहे। बीएसई के स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में 2.28 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई।

बीएसई में कुल 2,025 कंपनियों में गिरावट आई, जबकि 625 एडवांस और 162 में कोई बदलाव नहीं हुआ। बीएसई आईटी इंडेक्स में 4.45 फीसद की गिरावट के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट रही और इसके बाद टेक, ऑटो, मेटल, रियल्टी, बेसिक मटीरियल, बैंक्स और फाइनेंस में गिरावट आई।

मालूम हो कि गुरुवार को BSE का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक Sensex 1,114.82 अंक यानी 2.96% टूटकर 36553.60 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह NSE का Nifty 326.30 अंक यानी 2.93 फीसद लुढ़ककर 10805.55 अंक के स्तर पर बंद हुआ। 

कारोबारियों के मुताबिक, इकोनॉमिक रिकवरी को लेकर बढ़ती चिंताओं और केंद्रीय बैंकों द्वारा नए सिरे से प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिए जाने से वैश्विक बाजारों में बिकवाली देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं में कोविड-19 के नए मामलों में तेजी की आशंका से भी निवेशकों के सेंटिमेंट पर असर पड़ रहा है।

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