राज्य ईंधन को GST के दायरे में नहीं लाना चाहते, इसीलिए पेट्रोल महंगा : हरदीप सिंह पुरी

अगर किसी का सवाल है कि क्या आप चाहते हैं कि पेट्रोल की कीमतें कम हों तो इसका जवाब हां है। अब अगर आपका सवाल है कि पेट्रोल की कीमतें नीचे क्यों नहीं आ रही हैं तो इसका जवाब है राज्य इसे जीएसटी के तहत लाना नहीं चाहते हैं।

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:15 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:15 PM (IST)
राज्य ईंधन को GST के दायरे में नहीं लाना चाहते, इसीलिए पेट्रोल महंगा : हरदीप सिंह पुरी
States dont want to bring fuel under GST

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें इसलिए कम नहीं हो रही हैं, क्योंकि राज्य ईंधन को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में नहीं लाना चाहते हैं। बंगाल की हाई प्रोफाइल भवानीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार के लिए कोलकाता के दौरे पर आए पुरी ने यहां एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि बंगाल में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के पार हो गई हैं, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार भारी कर लगा रही है।

उन्होंने कहा कि अगर किसी का सवाल है कि क्या आप चाहते हैं कि पेट्रोल की कीमतें कम हों, तो इसका जवाब हां है। अब, अगर आपका सवाल है कि पेट्रोल की कीमतें नीचे क्यों नहीं आ रही हैं, तो इसका जवाब है, राज्य इसे जीएसटी के तहत लाना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र 32 रुपये प्रति लीटर (पेट्रोल पर कर के रूप में) लेता है। हमने 32 रुपये प्रति लीटर कर तब लिया, जब ईंधन (कच्चे तेल) की कीमत 19 अमेरिकी डालर प्रति बैरल थी और हम अब भी वही ले रहे हैं, जबकि कीमत बढ़कर 75 अमेरिकी डालर प्रति बैरल हो गई है।

पुरी ने कहा कि पेट्रोल पर लिए गए कर का उपयोग कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने जुलाई में कीमतों में 3.51 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की, जिसके चलते पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से भी महंगा हो गया। संयुक्त कराधान यहां (बंगाल में) लगभग 40 फीसद है। बयान देना बहुत आसान है, लेकिन आपने (टीएमसी सरकार) 3.51 रुपये की बढ़ोतरी नहीं की होती, तो कीमत अब भी 100 रुपये प्रति लीटर से कम होती।

भारतीय पवेलियन में दिखेगा गौरवशाली इतिहास

भारतीय पैवेलियन में भारत के गौरवशाली इतिहास, विविधता और कारोबार के लिहाज से अपार संभावनाओं को 11 थीम के आधार पर पेश किया जा रहा है। ये थीम पर्यावरण और जैव विविधता, स्पेस, शहरी और ग्रामीण विकास, सहिष्णुता और सद्भाव, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, हेल्थ एंड वेलनेस, पेयजल जैसे विषयों पर आधारित होगा।

chat bot
आपका साथी