Services Sector PMI: मई में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में आई कमी, Job Cuts में रही तेजी

Services PMI देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मई में संकुचन देखने को मिला। मई महीने में पिछले आठ माह में पहली बार सेवा क्षेत्र (Services Sector) की गतिविधियों में यह कमी देखने को मिली। एक निजी सर्वेक्षण में ऐसा कहा गया है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 11:16 AM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 11:46 AM (IST)
Services Sector PMI: मई में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में आई कमी, Job Cuts में रही तेजी
PMI के पैमाने पर 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि जबकि उसके नीचे का आंकड़ा संकुचन (Contraction) को दिखाता है।

बेंगलुरु, रायटर। देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मई में संकुचन देखने को मिला। मई महीने में पिछले आठ माह में पहली बार सेवा क्षेत्र (Services Sector) की गतिविधियों में यह कमी देखने को मिली। एक निजी सर्वेक्षण में ऐसा कहा गया है। इस सर्वे के मुताबिक कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते सरकार ने कड़े लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाईं। इससे सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में कमी आई। इस वजह से कंपनियों ने अक्टूबर के बाद सबसे तेज दर से नौकरियों से छंटनी की। मई महीने में निक्की/ आईएचएस मार्किट सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (Services PMI) 46.4 पर रहा। यह पिछले नौ महीने का सबसे निचला स्तर है। अप्रैल में Services PMI 54.0 पर रहा था।

उल्लेखनीय है कि PMI के पैमाने पर 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि जबकि उसके नीचे का आंकड़ा संकुचन (Contraction) को दिखाता है।

देश में नए संक्रमण के मामलों में लगातार कमी के बावजूद भारत में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा मामले और 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत आ रही है।

इस सर्वे में कहा गया है कि कुल मांग में अगस्त के बाद से सबसे तेज दर से कमी आई है। वहीं, दूसरे देशों से आने वाली मांग में नवंबर के बाद सबसे तेज दर से गिरावट आई है।

IHS Markit की एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लिमा ने कहा, ''महीने की शुरुआत में जारी PMI Data इस बात को दिखाता है कि मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री मई में खुद को संकुचन से बचाने में कामयाब रहा लेकिन महामारी के बढ़ने से सर्विसेज सेक्टर को संघर्ष का सामना करना पड़ा।''

हालांकि, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान 1.6 फीसद की दर से वृद्धि देखने को मिली। हालांकि, इसके बाद ही भारत में कोविड-19 की दूसरी और भयावह लहर देखने को मिली। इस वजह से भारत की आर्थिक रिकवरी पर असर देखने को मिला है।

जानिए रोजगार के मोर्चे का हाल

सर्विसेज सेक्टर से जुड़ी कंपनियों ने पिछले महीने भी नौकरियों से छंटनी का सिलसिला जारी रखा। कंपनियों ने पिछले महीने अक्टूबर के बाद सबसे तेज रफ्तार से छंटनी का सहारा लिया। यह जॉब मार्केट के लिए बहुत बुरी खबर है क्योंकि पिछले साल भी लाखों लोगों ने इस महामारी की वजह से अपनी नौकरियां गंवा दी थी।

इसके साथ ही बिजनेस एक्सपेक्टेशन के नौ माह के निचले स्तर पर आने के बाद कंपनियां आने वाले समय में कर्मचारियों के वेतन में एक बार फिर कटौती कर सकती है।

कंपनियों ने बताया है कि लागत मूल्य में लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन कंपनियां मांग में कमी की वजह से ग्राहकों पर इसका बोझ बहुत कम डाल पा रही हैं।

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