Serum 225 रुपये में देगी Corona Vaccine की एक खुराक, भारत व गरीब देशों के लिए तैयार करेगी 10 करोड़ डोज
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता Serum ने बिल गेट्स फाउंडेशन से किया करार किया है। निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए Corona Vaccine की 10 करोड़ डोज बनाएगी कंपनी PC Pixabay
नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया के लिए भारत से अच्छी खबर आई है। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन (corona virus vaccine) की एक खुराक की कीमत तीन डॉलर (लगभग 225 रुपये) होगी। कंपनी भारत और कम व मध्यम आय वाले देशों के लिए 10 करोड़ कोरोना वैक्सीन तैयार करेगी। इसके लिए कंपनी ने गवी वैक्सीन संगठन और बिल व मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ करार किया है, जिसके तहत उसे 15 करोड़ डॉलर (लगभग 1,125 करोड़ रुपये) की मदद मिलेगी।
गवी वैक्सीन संगठन, संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित एक सार्वजनिक-निजी वैश्विक स्वास्थ्य साझेदारी है, जिसका लक्ष्य गरीब देशों में टीकाकरण की पहुंच बढ़ाना है। गेट्स फाउंडेशन गवी को धनराशि मुहैया कराएगा, जो सीरम को दी जाएगी। कंपनी को यह धनराशि उस संभावित नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी, जिसके तहत वह दवा नियामक और विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी मिलने से पहले कोरोना के संभावित वैक्सीन का उत्पादन करेगी, ताकि मंजूरी मिलने के बाद जल्द से जल्द दुनिया की बड़ी आबादी तक यह वैक्सीन पहुंचाई जा सके।
एसआइआइ के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है, 'कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत और सर्वव्यापी बनाने की कोशिश में, एसआइआइ ने 2021 में भारत और निम्न व मध्यम आय वाले देशों के लिए कोरोना के भावी वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक के निर्माण व वितरण के लिए गवी व गेट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है।'
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स समेत कोरोना वैक्सीन की एक खुराक की कीमत तीन डॉलर होगी। कंपनी गवी के कोवैक्स एडवांस मार्केट कमिटमेंट के तहत दुनिया के 92 देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। गवी कोवैक्स फैसिलिटी का नेतृत्व करती है, जिसका गठन पूरी दुनिया में कोरोना की वैक्सीन को सबसे जल्दी और निष्पक्ष तरीके से पहुंचाने के लिए किया गया है।
पुणे स्थित एसआइआइ एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल भी कर रही है। पिछले हफ्ते ही कंपनी को भारत के दवा नियामक से यह परीक्षण करने की अनुमति मिली थी।