Sensex 746 अंक टूटा, Nifty लुढ़का, बैंकिंग शेयरों में भारी गिरावट, जानें क्या रही वजह
घरेलू शेयर बाजारों ने शुक्रवार को मुनाफावसूली की जबरदस्त गोता लगाया। इस तरह प्रमुख घरेलू सूचकांक लगातार दूसरे सत्र में लाल निशान के साथ बंद हुए। BSE का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक Sensex 746.22 अंक यानी 1.50 फीसद टूटकर 48878.54 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। घरेलू शेयर बाजारों ने शुक्रवार को मुनाफावसूली की जबरदस्त गोता लगाया। इस तरह प्रमुख घरेलू सूचकांक लगातार दूसरे सत्र में लाल निशान के साथ बंद हुए। BSE का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक Sensex 746.22 अंक यानी 1.50 फीसद टूटकर 48,878.54 अंक के स्तर पर बंद हुआ। दूसरी ओर, NSE Nifty 218.50 अंक यानी 1.50 फीसद लुढ़ककर 14,371.90 अंक के स्तर पर बंद हुए। सेक्टर्स की बात की जाए तो निफ्टी बैंक, मेटल और पीएसयू बैंक के शेयर तीन फीसद तक लुढ़क गए। वहीं, एनर्जी, फार्मा और इन्फ्रा सेक्टर के शेयर एक फीसद तक गिर गए। हालांकि, ऑटो इंडेक्स में एक फीसद की तेजी देखने को मिली।
इन शेयरों ने लगाया गोता
सेंसेक्स पर एक्सिस बैंक के शेयरों में 4.63 फीसद की सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। इसी तरह एशियन पेंट के शेयर 4.22 फीसद तक लुढ़क गए। वहीं, एसबीआई के शेयर 3.80 फीसद तक टूट गए। इनके अलावा इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी, सन फार्मा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएल टेक, भारती एयरटेल, पावरग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो, नेस्ले इंडिया, डॉक्टर रेड्डीज और मारुति के शेयर लाल निशान के साथ बंद हुए।
इन शेयरों में रही तेजी
हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, अल्ट्राटेक सीमेंट, टीसीएस, बजाज फिनजर्व और इन्फोसिस के शेयर हरे निशान के साथ बंद हुए।
अन्य एशियाई बाजारों की बात की जाए तो शंघाई, हांगकांग, सिओल और टोक्यो के शेयर बाजार भी लाल निशान के साथ बंद हुए। वहीं, यूरोपीय बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है।
शेयर बाजारों के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक गुरुवार को शुद्ध आधार पर लिवाल बने रहे। आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 1,614.66 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
इसी बीच ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 1.80 फीसद की गिरावट के साथ 55.09 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेंड कर रहा था।
विश्लेषकों के मुताबिक वैश्विक स्तर पर नकारात्मक रुख और घरेलू स्तर पर बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में मुनाफावसूली की वजह से शेयर बाजारों में यह गिरावट देखने को मिली।