बीज उद्योग ने सरकार से HT-Bt कपास की अवैध खेती के खिलाफ कार्रवाई करने का किया आग्रह
FSII और NSAI ने कहा कि यह मुद्दा 2017 में संसद में उठाया गया था जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) के तहत फील्ड निरीक्षण और वैज्ञानिक मूल्यांकन समिति (FISEC) का गठन किया गया था।
नई दिल्ली, पीटीआइ। फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (FSII) और नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NSAI) ने शुक्रवार को केंद्र से इस साल हर्बिसाइड टॉलरेंट (एचटी) बीटी कपास की अवैध खेती में अचानक उछाल के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। इसकी ओर से जारी बयान में कहा गया कि अगर बिना मंजूरी वाले एचटी-बीटी कपास के बीज की बिक्री नहीं रुकी तो यह उद्योग और किसानों के लिए आपदा का कारण बनेगा।
एनएसएआई का कहना है कि नियामक केवल लाइसेंस प्राप्त डीलरों और बीज कंपनियों तक ही अपनी जांच सीमित कर रहे हैं, जबकि एचटी बीज की बिक्री की यह अवैध गतिविधि ज्यादातर असंगठित और फ्लाई-बाय नाइट ऑपरेटरों द्वारा की जाती है। उन्हें पकड़ने और कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
बीज उद्योग निकायों ने इस संबंध में केंद्रीय कृषि और पर्यावरण मंत्रालयों को प्रतिनिधित्व दिया है और तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उद्योग निकायों ने कहा, 'यह प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में कई वर्षों से कम तीव्रता पर उगाया जा रहा था, लेकिन इस साल बिक्री अचानक बढ़ गई है, जिससे पर्यावरण, किसानों, वैध बीज कंपनियों और सरकारी राजस्व के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है।'
FSII और NSAI ने कहा कि यह मुद्दा 2017 में संसद में उठाया गया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) के तहत फील्ड निरीक्षण और वैज्ञानिक मूल्यांकन समिति (FISEC) का गठन किया गया था।