लिस्टेड कंपनियों के लिए सेबी ने लोन डिफ़ॉल्ट डिस्क्लोजर के नियम किए सख्त
सही आधार पर शेयरों को जारी करने के मानदंडों में बदलाव करेगा। इसकी समयावधि 55 दिनों से घटाकर मौजूदा 31 दिन कर दी जाएगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कर्ज चूक पर लिस्टेड कंपनियों के लिए सख्त प्रावधान मानदंडों को मंजूरी दे दी। इसके अलावा पोर्टफोलियो प्रबंधकों के साथ-साथ शेयरों के अधिकार जारी करने के लिए अपने नियमों में भी बदलाव किए। सेबी ने मौजूदा समय में टॉप 1000 कंपनियों के लिए बिजनेस रिस्पॉन्सिबिलिटी रिपोर्ट (BRR) की आवश्यकता को भी 500 से बढ़ा दिया है। नियामक ने बोर्ड मीटिंग के बाद कहा कि 30 दिनों के बाद कर्ज पर ब्याज की चुकौती में चूक के बाद लिस्टेड कंपनियों को 24 घंटों के भीतर इस तरह के डिफ़ॉल्ट के तथ्य का खुलासा करना होगा।
मीटिंग में एक और फैसला लिया गया जिसमें सेबी मौजूदा शेयरधारकों के लिए सही आधार पर शेयरों को जारी करने के मानदंडों में बदलाव करेगा। इसकी समयावधि 55 दिनों से घटाकर मौजूदा 31 दिन कर दी जाएगी।
इसके अलावा सेबी पोर्टफोलियो प्रबंधकों के लिए मानदंडों में बदलाव करेगा, जिसमें ऐसी संस्थाओं के लिए नेट वर्थ और न्यूनतम निवेश आवश्यकताओं को उठाया जाएगा। कर्ज चूक पर नई डिस्क्लोजर आवश्यकताओं के बारे में सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी ने कहा कि इसका उद्देश्य 'निवेशकों की मदद के लिए अधिक खुलापन प्राप्त करना' है।