सेबी ने Future-Reliance डील को दी सशर्त मंजूरी, Amazon को लगा गहरा झटका

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच 24713 करोड़ रुपये के इस सौदे पर सेबी की मुहर से इन दोनों कंपनियों को बड़ी राहत मिली है। गौरतलब है कि अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Amazon इस सौदे का लगातार विरोध करती रही है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 11:43 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 08:07 AM (IST)
सेबी ने Future-Reliance डील को दी सशर्त मंजूरी, Amazon को लगा गहरा झटका
Amazon ने 2019 में फ्यूचर कूपन्स की 49% हिस्सेदारी 2,000 करोड़ रुपए में खरीदी थी।

नई दिल्ली, एजेंसियां। फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के बीच डील के मामले में Amazon को तगड़ा झटका लगा है। बाजार नियामक सेबी ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच डील को अपनी मंजूरी दे दी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बुधवार को पत्र जारी कर इस डील को सशर्त अपनी मंजूरी दे दी। BSE ने इस डील पर अपनी ओर से कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। अगस्त, 2020 में किशोर बियानी और फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस रिटेल के साथ 25,000 करोड़ रुपये के करार का ऐलान किया था। इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप को अपना रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउस बिजनेस रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचना था।  

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच 24,713 करोड़ रुपये के इस सौदे पर सेबी की मुहर से इन दोनों कंपनियों को बड़ी राहत मिली है। गौरतलब है कि अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Amazon इस सौदे का लगातार विरोध करती रही है। इस डील के विरोध में Amazon ने सेबी, स्टॉक एक्सचेंजों और अन्य रेगुलेटरी एजेंसियों को कई पत्र लिखे थे। पत्रों में Amazon ने इस सौदे को अनुमति नहीं देने का आग्रह किया था। Amazon के अनुरोध को दरकिनार करते हुए सेबी ने कुछ शर्तों के साथ इस सौदे को मंजूरी दे दी है। 

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) इस डील को पहले ही अपनी स्वीकृति दे चुका है। अब सेबी की मंजूरी के बाद एनसीएलटी की मंजूरी मिलना बाकी है। सेबी ने सौदे की पूरी जानकारी फ्यूचर के शेयरहोल्डर्स के साथ साझा करने का आदेश भी दिया है। फ्यूचर-रिलायंस ग्रुप के इस सौदे पर सेबी की अनुमति अदालत में लंबित मामलों के नतीजों पर निर्भर करेगी। फ्यूचर कंपनी बोर्ड ने रिलायंस रिटेल को संपत्ति बेचने के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसे 21 दिसंबर के फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने वैद्य करार दिया था। न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस रिटेल के सौदे को प्रथम दृष्टया कानूनी रुप से सही माना था। 

Amazon ने 2019 में फ्यूचर कूपन्स की 49% हिस्सेदारी 2,000 करोड़ रुपए में खरीदी थी।

Amazon ने फ्यूचर-रिलायंस डील के खिलाफ सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में याचिका दायर की थी। आर्बिट्रेशन सेंटर ने पिछले साल 25 अक्टूबर को फ्यूचर-रिलायंस डील पर रोक लगा दी थी, लेकिन फ्यूचर का कहना है कि आर्बिट्रेशन सेंटर का फैसला उस पर लागू नहीं होता। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने इस साल अगस्त में फ्यूचर ग्रुप के रीटेल एंड होलसेल बिजनेस और लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग बिजनेस के अधिग्रहण का ऐलान किया था। 

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