सोलर एनर्जी में होगा 6,000 करोड़ रुपये का निवेश, तीन कंपनियों ने संयंत्र स्थापना के लिए इच्छा जताई
भारत अभी सोलर प्लांट में इस्तेमाल होने वाले 95 फीसद उपकरण चीन से आयात करता है और इस पर सालाना 10 अरब डॉलर की राशि का खर्च आता है। PCPixabay
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश के बिजली सेक्टर में काफी समय बाद कोई शुभ समाचार मिला है। इस बार यह समाचार सोलर एनर्जी क्षेत्र से आया है जहां कई तरह की अनिश्चितताओं की वजह से माहौल खराब हो रहा था। बुधवार को मैन्यूफैक्चरिंग आधारित सोलर एनर्जी प्लांट लगाने की सरकार के प्रस्ताव के लिए तीन बड़ी कंपनियों ने निविदा भरी है। सरकार ने इस योजना के तहत 1,000 मेगावाट की सोलर योजना के लिए प्रस्ताव मांगे थे, लेकिन कुल 2,000 मेगावाट के लिए प्रस्ताव आए हैं।
पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार की तरफ से इस योजना के तहत जो निविदा जारी की जा रही थी, उसके प्रति कोई भी कंपनी उत्साह नहीं दिखा रही थी। कई बार निविदा की तारीख को बढ़ाने के बावजूद भी कंपनियों ने उत्साह नहीं दिखाया था। लेकिन अब संकेत है कि सोलर एनर्जी से जुड़ी कंपनियां भारतीय बाजार के प्रति आश्वस्त हो रही हैं।अडानी समूह की कंपनी एजीईएल ने 1,000 मेगावाट मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट और 4,000 मेगावाट का सोलर इनर्जी प्लांट लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा है।
अजूरे पावर ने 500 मेगावाट क्षमता के लिए मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट व 2,000 मेगावाट की परियोजना और नवयुग ने 5,00 मेगावाट की मैन्यूफैक्चरिंग और 2,000 मेगावाट क्षमता की परियोजना लगाने का प्रस्ताव भेजा है। इससे यह भी साबित हो रहा है कि सौर उर्जा में घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने की सरकार की नीति अब काम करती दिख रही है। यह देश में सोलर पैनल उद्योग की मजबूत जमीन तैयार करेगा क्योंकि उक्त निविदा को हासिल करने वाली कंपनियों को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत घरेलू स्तर पर सोलर पैनल व सौर ऊर्जा प्लांट में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरणों की मैन्यूफैक्चरिंग करनी होगी।
ये कंपनियां इन निविदाओं को पूरा करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये का नया निवेश करेंगी। साथ ही ये प्लांट सीधे तौर पर 10 हजार नई नौकरियां देंगे और 40 हजार लोगों को परोक्ष तौर पर भी रोजगार मिलेगा। गौरतलब है कि भारत अभी सोलर प्लांट में इस्तेमाल होने वाले 95 फीसद उपकरण चीन से आयात करता है और इस पर सालाना 10 अरब डॉलर की राशि का खर्च आता है। इन तीनों कंपनियों की परियोजनाओं के माध्यम से देश में सोलर प्लांट मैन्यूफैक्चरिंग का बड़ा उद्योग खड़ा हो सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यह कहा था कि भारत रिन्युअल एनर्जी के जरिये देश में 4.50 लाख मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता रखता है, जिसका दोहन होना चाहिए।