RIL, अदानी और 17 अन्य ने PLI योजना के तहत सोलर पीवी यूनिट की स्थापना के लिए दिखाई रुचि
सूत्रों के मुताबिक एक्मे अवादा मेघा इंजीनियरिंग विक्रम सोलर टाटा वारी प्रीमियर एम्मी और जुपिटर नाम की नौ अन्य फर्मों ने तीसरे और चौथे फेज (सेल मॉड्यूल) के लिए रुचि दिखाई है। मौजूदा समय में सौर क्षमता वृद्धि काफी हद तक आयातित सौर पीवी सेल और मॉड्यूल पर निर्भर करती
नई दिल्ली, पीटीआइ। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL), अदाणी समूह और टाटा सहित कम से कम 19 फर्मों ने सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत सौर विनिर्माण यूनिट स्थापित करने में रुचि दिखाई है। इस साल अप्रैल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सौर पीवी मॉड्यूल की घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए 4,500 करोड़ रुपये के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दी थी।
इस योजना का उद्देश्य एकीकृत सौर पीवी मॉड्यूल की 10,000 मेगावाट विनिर्माण क्षमता को जोड़ना है, जिसमें 17,200 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश होगा। आरआईएल, अदानी ग्रुप, फर्स्ट सोलर, शिरडी साई और जिंदल पॉली ने योजना के तहत पॉलीसिलिकॉन (स्टेज- I), वेफर (स्टेज- II) और सेल और मॉड्यूल्स (स्टेज- III और IV) के निर्माण के लिए आवेदन किया है। एलएंडटी, कोल इंडिया Ltd (CIL), ReNew और Cubic ने स्टेज II, III और IV के लिए बोली लगाई है।
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सूत्रों के मुताबिक, एक्मे, अवादा, मेघा इंजीनियरिंग, विक्रम सोलर, टाटा, वारी, प्रीमियर, एम्मी और जुपिटर नाम की नौ अन्य फर्मों ने तीसरे और चौथे फेज (सेल, मॉड्यूल) के लिए रुचि दिखाई है। मौजूदा समय में सौर क्षमता वृद्धि काफी हद तक आयातित सौर पीवी सेल और मॉड्यूल पर निर्भर करती है, क्योंकि घरेलू विनिर्माण उद्योग में सौर पीवी सेल और मॉड्यूल की सीमित परिचालन क्षमता है। योजना के तहत सोलर पीवी निर्माताओं का चयन पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा।
उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल की बिक्री पर सौर पीवी विनिर्माण संयंत्रों के चालू होने के बाद 5 वर्षों के लिए पीएलआई का वितरण किया जाएगा। निर्माताओं को सौर पीवी मॉड्यूल की उच्च दक्षता और घरेलू बाजार से उनकी सामग्री की सोर्सिंग के लिए रिवॉर्ड दिया जाएगा। इस प्रकार मॉड्यूल दक्षता में वृद्धि और स्थानीय मूल्यवर्धन में वृद्धि के साथ पीएलआई राशि में वृद्धि होगी।