Retail Inflation: मई में छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई, खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी

Retail Inflation सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार मई महीने में खुदरा महंगाई 6.3 फीसद पर रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य महंगाई अप्रैल महीने के 2 फीसद की तुलना में मई महीने में बढ़कर 5 फीसद हो गई।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 06:33 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:05 AM (IST)
Retail Inflation: मई में छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई, खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी
Retail Inflation Reached a Six Month High P C : Pexels

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई (retail inflation) छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मई महीने में खुदरा महंगाई 6.3 फीसद पर रही है। यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा तय किये गए लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्य के ऊपरी स्तर से अधिक है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य महंगाई अप्रैल महीने के 2 फीसद की तुलना में मई महीने में बढ़कर 5 फीसद हो गई। मांस, मछली, अंडों और तेल जैसे उत्पादों की कीमतों में बढ़ोत्तरी से यह महंगाई बढ़ी है।

Month to month change (%) based on All India Consumer Price Index (CPI) and Consumer Food Price Index (CFPI) for the month of May 2021.#KnowYourStats#DataForDevelopment pic.twitter.com/oJZlaDNk2B— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) June 14, 2021

Year on year rate of inflation (%) based on All India Consumer Price Index (CPI) and Consumer Food Price Index (CFPI) for May 2021#KnowYourStats#DataForDevelopment pic.twitter.com/hAnqLsstUX

— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) June 14, 2021

सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में बढ़ोत्तरी करने से ईंधन बिल 11.6 फीसद बढ़ गया। महामारी की दूसरी लहर के दौरान हेल्थ, ट्रांसपोर्ट और पर्सनल केयर की कीमतों में बढ़ोत्तरी के कारण सर्विसेज इंफ्लेशन में भी अच्छी-खासी तेजी आई है।

वहीं, थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर मई में 12.94 फीसद के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। क्रूड ऑयल और विनिर्मित वस्तुओं (मैन्युफैक्चरिंग गुड्स) की कीमतों में उछाल से थोक मुद्रास्फीति में यह उछाल देखने को मिला। लो बेस इफेक्ट की वजह से भी मई, 2021 में WPI Inflation में यह रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली।

मई, 2020 में थोक महंगाई दर (-) 3.37 फीसद पर रही थी। मई लगातार पांचवां महीना रहा, जब थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति में बढ़त देखे को मिली। अप्रैल, 2021 में भी थोक महंगाई दर दो अंकों में रही थी। अप्रैल में थोक मुद्रास्फीति 10.49 फीसद पर रही थी।

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