ऑयल व केमिकल बिजनेस को अलग करेगी रिलायंस, नई कंपनी को RIL से मिलेगा करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये कर्ज
एशिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआइएल) ने अपने ऑयल-टु-केमिकल (ओ-टु-सी) कारोबार को अलग इकाई का रूप देने की घोषणा की है। कंपनी सऊदी अरैमको जैसे वैश्विक निवेशकों के हाथों शेयर बेचकर ओ-टु-सी कारोबार का उचित मूल्यांकन करने की प्रक्रिया में है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। एशिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआइएल) ने अपने ऑयल-टु-केमिकल (ओ-टु-सी) कारोबार को अलग इकाई का रूप देने की घोषणा की है। इसके लिए नई कंपनी को पैरेंट कंपनी आरआइएल से 2,500 करोड़ डॉलर यानी करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा। कंपनी सऊदी अरैमको जैसे वैश्विक निवेशकों के हाथों शेयर बेचकर ओ-टु-सी कारोबार का उचित मूल्यांकन करने की प्रक्रिया में है।
शेयर बाजारों को दी जानकारी RIL ने कहा कि इस पुनर्गठन से उसे ओ-टु-सी वैल्यू चेन में अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने, खुद की पूंजी और समर्पित टीम के दम पर आत्मनिर्भर बनने और सक्षम निवेशकों के समूह के माध्यम से पूंजी आकर्षित करने में मदद मिलेगी। ओ-टु-सी कारोबार में आरआइएल की तेल रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल संपत्तियां और ऑयल रिटेलिंग का कारोबार है।
हालांकि, इसमें केजी-डी 6 जैसे तेल व गैस उत्पादक क्षेत्र तथा कपड़ा कारोबार शामिल नहीं हैं। इस पुनर्गठन के संपन्न हो जाने के बाद धीरूभाई अंबानी द्वारा पिछली सदी के सातवें दशक में स्थापित आरआइएल के पास पास सिर्फ तेल एवं गैस खोज, वित्तीय सेवा, ट्रैजरी तथा कपड़ा कारोबार ही बचेगा। यह ग्रुप की अन्य कंपनियों के लिए होल्डिंग कंपनी के तौर पर काम करेगी।
आरआइएल का खुदरा कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) के पास और दूरसंचार व डिजिटल व्यवसाय रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के पास पहले से ही है। रिलायंस रिटेल में आरआइएल की 85.1 और जियो प्लेटफॉर्म्स में 67.3 फीसद हिस्सेदारी है। कंपनी की बाकी हिस्सेदारी फेसबुक इंक और गूगल सहित वैश्विक निवेशकों को दो लाख करोड़ रुपये से अधिक में बेची जा चुकी है।
NSE पर सुबह 10:31 बजे रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर की कीमत 16.50 रुपये या 0.82 फीसद के उछाल के साथ 2,039.95 रुपये पर चल रही थी।