RBI बोर्ड की अहम बैठक; मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, केंद्रीय बैंक के कामकाज एवं अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा

कोरोनावायरस महामारी की वजह से पैदा हुई अनिश्चितताओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय बोर्ड की शुक्रवार को बैठक हुई। इस बैठक में देश के आर्थिक हालात के साथ-साथ अन्य चुनौतियों के बारे में चर्चा हुई।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 06:50 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 10:04 AM (IST)
RBI बोर्ड की अहम बैठक; मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, केंद्रीय बैंक के कामकाज एवं अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास एवं केंद्रीय बैंक के अन्य पदाधिकारियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। (PC: Reuters)

मुंबई, पीटीआइ। कोरोनावायरस महामारी की वजह से पैदा हुई अनिश्चितताओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की शुक्रवार को बैठक हुई। इस बैठक में देश के आर्थिक हालात के साथ-साथ अन्य चुनौतियों के बारे में चर्चा हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित बैठक में वर्तमान परिस्थितियों में वित्तीय स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से आयोजित प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ''बोर्ड ने वर्तमान आर्थिक हालात, वैश्विक एवं घरेलू चुनौतियों और रिजर्व बैंक के ऑपरेशन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। बोर्ड ने केंद्रीय बोर्ड एवं स्थानीय बोर्ड की उप-समितियों के कामकाज पर चर्चा की और वर्तमान परिदृश्य में वित्तीय स्थिरता से जुड़े पहलुओं पर विचार-विमर्श किया।'' 

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास एवं केंद्रीय बैंक के अन्य पदाधिकारियों के साथ-साथ एन चंद्रशेखरन, अशोक गुलाटी, मनीष सबरवाल, प्रसन्न कुमार मोहंती, दिलीप एस सांघवी, सतीश के मराठे, एस गुरुमुर्ति, रेवती अय्यर एवं सचिन चतुर्वेदी ने हिस्सा लिया।  

वित्त मंत्रालय की ओर से आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज और वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा ने इस बैठक में हिस्सा लिया।

इसी बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अब भी ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनी हुई है। हालांकि, मौद्रिक नति से जुड़ा कोई भी फैसला मुद्रास्फीति की स्थिति पर निर्भर करेगा, जो अभी आरबीआई के लक्ष्य से ऊपर है।

(यह भी पढ़ेंः PM Kisan Samman Nidhi: ये लोग नहीं उठा सकते हैं इस स्कीम का लाभ, जानें क्या है नियम) 

आरबीआई द्वारा जारी मौद्रिक नीति समिति के बैठक के मिनट्स के मुताबिक दास ने कहा कि, 'मेरा मानना है कि अगर मुद्रास्फीति हमारी उम्मीद के मुताबिक रहते हैं तो भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश अब भी बनी हुई है। विकास दर को बढ़ावा देने के लिए इस गुंजाइश का इस्तेमाल सोच-समझकर किए जाने की जरूरत है।' 

chat bot
आपका साथी