मई में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेश हुआ आधा, कोरोना की दूसरी लहर के कारण प्रभावित हुआ निवेश

प्राइवेट इक्विटी (पीई) और वेंचर कैपिटल (वीसी) निवेश में बड़ी गिरावट आई है। मई 2021 में पीई और वीसी निवेश इससे पिछले महीने की तुलना में आधे से भी कम हो गया। मई में यह निवेश 3.6 अरब डॉलर रहा जो अप्रैल में 7.5 अरब डॉलर रहा था।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:47 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:47 AM (IST)
मई में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेश हुआ आधा, कोरोना की दूसरी लहर के कारण प्रभावित हुआ निवेश
इंडस्ट्री लॉबी आइवीसीए और कंसल्टेंसी फर्म ईवाई की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

मुंबई, पीटीआइ। प्राइवेट इक्विटी (पीई) और वेंचर कैपिटल (वीसी) निवेश में बड़ी गिरावट आई है। मई, 2021 में पीई और वीसी निवेश इससे पिछले महीने की तुलना में आधे से भी कम हो गया। मई में यह निवेश 3.6 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल में 7.5 अरब डॉलर रहा था। एक साल पहले यानी मई, 2020 में यह 5.4 अरब डॉलर रहा था। इंडस्ट्री लॉबी आइवीसीए और कंसल्टेंसी फर्म ईवाई की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट इस साल के शुरुआती पांच महीनों यानी जनवरी से मई तक के कुल आंकड़ों का भी उल्लेख किया गया है। इस अवधि में पीई और वीसी निवेश 20 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में दोगुना है।

इस लिहाज से कहा जा सकता है कि निवेशकों का रुख भारत को लेकर मजबूत बना हुआ है। ध्यान देने की बात है कि अप्रैल से देश कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है। मई में ज्यादातर राज्यों में स्थानीय स्तर पर लाकडाउन रहा। इससे इतर, पिछले साल यानी मई, 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर लाकडाउन के बावजूद जियो प्लेटफा‌र्म्स में 4.6 अरब डॉलर का निवेश आया था।

ईवाई के पार्टनर विवेक सोनी ने कहा, 'निवेशकों की निगाह सरकार की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों, टीकाकरण की स्थिति और आने वाले महीनों में देश की वृहद आर्थिक सेहत पर रहेगी।'

उन्होंने कहा कि वैश्विक मुद्रास्फीति, जिंस कीमतों पर इसके प्रभाव और मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए अमेरिकी फेडरल बैंक के रुख आदि भारत के लिए जोखिम हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के बीच जुझारू प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों की वजह से 2021 में सौदे की गतिविधियां बढ़ी हैं। इस दौरान ई-कामर्स क्षेत्र में 4.3 अरब डॉलर, प्रौद्योगिकी में 3.8 अरब डॉलर, फार्मा में 1.4 अरब डॉलर, मीडिया व मनोरंजन में 1.2 अरब डॉलर, शिक्षा में 88.5 करोड़ डॉलर और स्वास्थ्य सेवा में 80.1 करोड़ डॉलर का निवेश आया।

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