PNB का बड़े विल्फुल डिफॉल्टर्स पर 37,020 करोड़ रुपये बकाया, सूची में चोकसी और माल्या की कंपनियों सहित कई डेवलपर्स के नाम
PNB को 1700 से अधिक बड़े विल्फुल डिफॉल्टर्स (Willful Defaulters) यानी जान-बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों ने 37000 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के अग्रणी कर्जदाता पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को 1,700 से अधिक बड़े विल्फुल डिफॉल्टर्स (Willful Defaulters) यानी जान-बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों ने 37,000 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया है। पीएनबी की वेबसाइट के मुताबिक इस वर्ष 30 जून के अंत की स्थिति के मुताबिक 1,787 बड़े विल्फुल डिफॉल्टर्स पर 37,020.27 करोड़ रुपये बकाया है। इनमें 25 लाख रुपये या उससे अधिक के कर्जदार शामिल हैं। इस सूची में पहले स्थान पर भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स लिमिटेड है, जिसके ऊपर 5,064.84 करोड़ रुपये बकाया है। गीतांजलि ग्रुप की ही कंपनियों जिली इंडिया पर 1,447 करोड़ और नक्षत्र ब्रांड्स पर बैंक का 1,109 करोड़ रुपये बकाया है।
सूची के अनुसार जतिन मेहता की कंपनी विनसम डायमंड एंड ज्वैलरी लिमिटेड ने 1,036.85 करोड़ रुपये नहीं चुकाए हैं। एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के ऊपर देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी का 1,193.37 करोड़ रुपये बकाया है। चंडीगढ़ स्थित कुडोस केमी लिमिटेड उन कंपनियों में शामिल है, जिनके ऊपर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक बाकी है। इसने पीएनबी के 1,418 करोड़ रुपये नहीं चुकाए हैं। ऐसे अन्य बड़े डिफॉल्टर्स में विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस पर 522.48 करोड़ रुपये, जूम डेवलपर्स पर 702 करोड़ रुपये, जस इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड पावर लिमिटेड पर 453.96 करोड़ रुपये और स्टìलग ग्लोबल ऑयल रिसोर्सेज लिमिटेड के ऊपर 755 करोड़ रुपये बकाया हैं। इन सभी कंपनियों को पीएनबी ने बैंकों के एक कंसोर्टियम के हिस्से के तौर पर कर्ज दिया था।
इस वर्ष 31 मार्च को समाप्त तिमाही में बैंक का सकल फंसा कर्ज (NPA) कुल वितरित कर्ज का 14.21 प्रतिशत रह गया, जो एक वर्ष पहले 15.50 प्रतिशत था। बैंक का शुद्ध एनपीए भी इस दौरान 6.56 प्रतिशत से घटकर 5.78 प्रतिशत रह गया। संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों के तहत बैंक का एनपीए के मद में प्रावधान भी करीब 50 प्रतिशत घट गया।