संसद का सत्र 29 जनवरी से होगा शुरू, वित्त मंत्री एक फरवरी को पेश करेंगी वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट

बजट सत्र का आयोजन दो चरण में किया जाएगा। पहले चरण में संसद की कार्यवाही 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगी। दूसरे चरण में संसद की कार्यवाही आठ मार्च से आठ अप्रैल के बीच चलेगी। 17वीं लोकसभा के पांचवें सत्र में 35 बैठकें होंगी।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 06:05 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 08:21 AM (IST)
संसद का सत्र 29 जनवरी से होगा शुरू, वित्त मंत्री एक फरवरी को पेश करेंगी वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट
वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी को सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट पेश करेंगी।

नई दिल्ली, आईएएनएस। संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से प्रारंभ होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट सत्र का आयोजन दो चरण में किया जाएगा। पहले चरण में संसद की कार्यवाही 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगी। दूसरे चरण में संसद की कार्यवाही आठ मार्च से आठ अप्रैल के बीच चलेगी। 17वीं लोकसभा के पांचवें सत्र में 35 बैठकें होंगी। 

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The #Budget session of Parliament will commence from January 29, with Union Finance Minister #NirmalaSitharaman (@nsitharaman) set to present the #UnionBudget on February 1.

Photo: IANS (File) pic.twitter.com/jjGm5LLnvU

— IANS Tweets (@ians_india) January 14, 2021

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 जनवरी को सुबह 11 बजे संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी को सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट पेश करेंगी। 

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 15 फरवरी को स्थगित हो जाएगी। इसके बाद विभिन्न स्टैंडिंग कमेटीज विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के अनुदान मांग पर विचार करेंगी और अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगी। इसके बाद आठ मार्च को संसद के बजट सत्र की कार्यवाही एक बार फिर शुरू होगी।

केंद्रीय बजट 2021-22 का लोग काफी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह बजट ऐसे समय में पेश किया जाएगा जब पूरी दुनिया में कोरोनावायरस महामारी, लॉकडाउन और उसके आर्थिक प्रभाव के साथ-साथ वैक्सीन को लेकर तमाम तरीके की चर्चाएं चल रही हैं।

भारत में भी कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से इकोनॉमी को काफी अधिक नुकसान हुआ। कोरोना महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की इकोनॉमी में 23.9 फीसद का जबरदस्त संकुचन दर्ज किया गया। हालांकि, इकोनॉमी को खोले जाने के बाद स्थिति में काफी सुधार हुआ और दूसरी तिमाही के परिणाम विश्लेषकों के उम्मीद से बेहतर रहे। 

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