एक वर्ष में नकली नोटों की संख्या तीन गुनी तक बढ़ी, जानें कितने रुपये के नोट में पकड़ी गई सबसे ज्यादा जालसाजी

सरकारी एजेंसियों और आरबीआइ के लिए चिंता की बात यह है कि नकली नोटों की संख्या अचानक तब बढ़ी है जब यह दावा किया जा रहा है कि पहले से ज्यादा सुरक्षित करेंसी अब देश में छापे जा रहे हैं और इनकी नकल करना मुश्किल है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Mar 2021 10:45 AM (IST) Updated:Tue, 23 Mar 2021 03:00 PM (IST)
एक वर्ष में नकली नोटों की संख्या तीन गुनी तक बढ़ी, जानें कितने रुपये के नोट में पकड़ी गई सबसे ज्यादा जालसाजी
बीते वर्ष के दौरान कुल 8,34,947 लाख नकली नोट पकड़े गए हैं जो वर्ष 2019 के मुकाबले 280% ज्यादा है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना और नकली नोट के कारोबार का कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन पिछले वर्ष पकड़े गए नकली नोटों की संख्या चौंकाती है। वर्ष 2020 में सरकारी एजेंसियों ने जिस बड़ी मात्रा में नकली नोट देश भर में पकड़े हैं, वे बताते हैं कि नकली नोट चलाने की कोशिश करने वाले अपराधी कोरोना काल में कुछ ज्यादा ही सक्रिय हुए हैं। बीते वर्ष के दौरान कुल 8,34,947 लाख नकली नोट पकड़े गए हैं जो वर्ष 2019 के मुकाबले 280 फीसद ज्यादा है। वर्ष 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद पहली बार किसी एक वर्ष में अचानक ही देश में इतनी बड़ी संख्या में नकली नोट पकड़े गए हैं।  

सरकारी एजेंसियों और आरबीआइ के लिए चिंता की बात यह है कि नकली नोटों की संख्या अचानक तब बढ़ी है जब यह दावा किया जा रहा है कि पहले से ज्यादा सुरक्षित करेंसी अब देश में छापे जा रहे हैं और इनकी नकल करना मुश्किल है। हालांकि आरबीआइ का एक पुराना डाटा यह भी बताता है कि नकली नोट चलाने वाले अपराधियों के लिए नए करेंसी नोट भी कोई बाधा खड़ी नहीं कर पा रहे हैं। वर्ष 2019-20 में 200 रुपये के पकड़े गए नकली नोटों की संख्या में भी 151 फीसद का इजाफा हुआ था। जबकि नई सीरीज के 500 के पकड़े गए नए नोटों की संख्या 37 फीसद बढ़ी है। 

वैसे, कैलेंडर वर्ष 2020 में जो नकली नोट पकड़े गए हैं उनमें नई सीरीज के नोटों की नकल संख्या कितनी है, इसका पता अभी नहीं लगा है। लेकिन एक वर्ष में तकरीबन 300 फीसद ज्यादा नकली नोट पकड़े जाने से लगता यही है कि हर सीरीज के नोट इसमें शामिल होंगे। यह आंकड़ा गृह मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल क्राइम रिकॉ‌र्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) ने जारी किया है। 

इसके मुताबिक वर्ष 2018 में कुल 2,61,860 नकली नोट, वर्ष 2019 में 2,19,938 और वर्ष 2020 में 8,34,947 नोट पकड़े गए हैं।

बहरहाल, नकली नोटों की संख्या में अचानक आई इस वृद्धि से सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ आरबीआइ भी चिंतित है। केंद्रीय बैंक की तरफ से लगातार इस बात का आश्वासन दिया जा रहा है कि उसने नए नोटों को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं जबकि पकड़े गए नोट कुछ दूसरी ही कहानी कहते हैं। 

जानकार बताते हैं कि कोरोना की वजह से केंद्रीय बैंक ज्यादा सुरक्षित नोटों को समय पर बाजार में नहीं पेश कर सका है। नकली नोटों को लेकर एक नई बात यह सामने आ रही है कि इस गैर-कानूनी धंधे में लगे लोग अब पाकिस्तान के भरोसे नहीं हैं। वे स्थानीय स्तर पर ही नकली नोटों की छपाई कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही मध्य प्रदेश निवासी एक दंपती को गुजरात में लाखों रुपये मूल्य के 2,000 और 500 रुपये के नकली नोटों के साथ पकड़ा गया।

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