भारतीय इकोनॉमी में 2020-21 में आ सकती है 7.7 फीसद की गिरावट, सरकारी आंकड़ों में जताया गया अनुमान
भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 में 7.7 फीसद का संकुचन देखने को मिल सकता है। राष्ट्रीय आय को लेकर नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) की ओर से गुरुवार को जारी पहले एडवांस एस्टिमेट्स में ऐसा कहा गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 में 7.7 फीसद का संकुचन देखने को मिल सकता है। राष्ट्रीय आय को लेकर नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) की ओर से गुरुवार को जारी पहले एडवांस एस्टिमेट्स में ऐसा कहा गया है। इस अनुमान में भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन की मुख्य वजह कोविड-19 महामारी को बताया गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष (2019-20) में देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 4.2 फीसद पर रही थी। एनएसओ के आंकड़े के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र को छोड़कर लगभग हर सेक्टर में संकुचन देखने को मिला।
पहले एडवांस एस्टिमेट में कहा गया है, ''वास्तविक जीडीपी या निर्धारित मूल्य (2011-12) पर जीडीपी के वित्त वर्ष 2020-21 में 134.40 लाख करोड़ रुपये पर रहने का अनुमान है जो वित्त वर्ष 2019-20 में अस्थायी अनुमान के मुताबिक 145.66 लाख करोड़ रुपये पर था। वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि में 7.7 फीसद की गिरावट का अनुमान है।''
चालू वित्त वर्ष में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 9.4 फीसद के संकुचन का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि में 0.03 फीसद के ग्रोथ के साथ लगभग सपाट रहा था।
एनएसओ के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में खनन, ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और ब्रॉडकॉस्टिंग से जुड़ी सेवाओं में उल्लेखनीय संकुचन का अनुमान जाहिर किया गया है।
वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि क्षेत्र में 3.4 फीसद के ग्रोथ का अनुमान है। हालांकि, यह वित्त वर्ष 2019-20 के चार फीसद के मुकाबले कम रहने का अनुमान है।
देश की इकोनॉमी में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 23.9 फीसद और दूसरी तिमाही में 7.5 फीसद का संकुचन देखने को मिला था।