टेलिकॉम ऑपरेटर्स की बकाया लाइसेंस फीस पर ब्याज और पेनल्टी में छूट का नहीं है कोई प्रस्ताव: रविशंकर प्रसाद

लोकसभा में संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस संबंध में एक लिखित जवाब में कहा कि इस तरह के किसी प्रस्ताव पर अभी सरकार विचार नहीं कर रही है। (PC Pixabay)

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 05:51 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 06:06 PM (IST)
टेलिकॉम ऑपरेटर्स की बकाया लाइसेंस फीस पर ब्याज और पेनल्टी में छूट का नहीं है कोई प्रस्ताव: रविशंकर प्रसाद
टेलिकॉम ऑपरेटर्स की बकाया लाइसेंस फीस पर ब्याज और पेनल्टी में छूट का नहीं है कोई प्रस्ताव: रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार इस समय एजीआर पर आधारित लाइसेंस फीस पर ब्याज और चार्जेज की छूट संबंधी प्रस्ताव के बारे में कोई विचार नहीं कर रही है। साथ ही सरकार टेलिकॉम कंपनियों को उनके वैधानिक बकाये के भुगतान की तारीख भी आगे बढ़ाने पर विचार नहीं कर रही है। संसद में बुधवार को यह जानकारी दी गई है।

लोकसभा में संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस संबंध में एक लिखित जवाब में कहा कि इस तरह के किसी प्रस्ताव पर अभी सरकार विचार नहीं कर रही है। प्रसाद ने कहा कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित सचिवों की कमेटी ने  टेलिकॉम सेक्टर में तनाव से जुड़े मुद्दों पर बातचीत के लिए बैठकें आयोजित की है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स के साथ ही सर्विस प्रोवाइडर और टावर कंपनियों पर अगस्त 2017 तक 7.87 लाख करोड़ का कर्ज था। उन्होंने बताया कि 16 टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स पर लाइसेंस फीस का कुल बकाया 92,642 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि यह प्रोविनल आंकड़ा है और AGR मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार बकाया राशि की गणना अलग होगी।

संचार मंत्री के अनुसार, वोडाफोन-आइडिया पर 28,309 करोड़ की लाइसेंस फीस, एयरटेल पर 21,682 करोड़ की लाइसेंस फीस, टेलीनॉर पर 1,950 करोड़ की लाइसेंस फीस और टाटा ग्रुप की कंपनियों पर 9,987 करोड़ की लाइसेंस फीस बकाया है।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने नॉन-टेलिकॉम रेवेन्यू को भी AGR का हिस्सा मानने के टेलिकॉम डिपार्टमेंट के दावे को बरकरार रखा था और 24 अक्टूबर को टेलिकॉम कंपनियों को बकाया भुगतान करने का आदेश दिया था।

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