NaBFID में नहीं होगा IIFCL का विलय, प्रबंधन ने कहा, नहीं है विलय की योजना
आइआइएफसीएल ने पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 20892 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी तो 9460 करोड़ रुपये का भुगतान किया। कंपनी ने एनपीए घटाने में भी सफलता प्राप्त की है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का एनपीए 5.4 फीसद रहा जो एक वर्ष पहले 9.75 फीसद था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आइआइएफसीएल का नेशनल बैंक फॉर फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनबीएफआइडी) में विलय नहीं होगा। मंगलवार को आइआइएफसीएल प्रबंधन की तरफ से यह जानकारी दी गई। कंपनी के एमडी पीआर जयशंकर ने बताया कि आइआइएफसीएल को बजट में घोषित एनबीएफआइडी में विलय करने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा कि कंपनी अपने विकास की योजना तैयार कर चुकी है। इस साल बजट में फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर के वित्तीय पोषण के लिए एनबीएफआइडी स्थापित करने की घोषणा की गई थी। आइआइएफसीएल ने गत वित्त वर्ष 2020-21 में समेकित रूप से 325 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है जो इससे पूर्व के वित्त वर्ष से 350 फीसद अधिक है।
आइआइएफसीएल ने पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 20,892 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी तो 9,460 करोड़ रुपये का भुगतान किया। कंपनी ने एनपीए घटाने में भी सफलता प्राप्त की है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का एनपीए 5.4 फीसद रहा जो एक वर्ष पहले 9.75 फीसद था। कंपनी सड़क एवं रेलवे से जुड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को लंबे अंतराल वाले कर्ज देने पर फोकस कर रही है।