टैक्स संग्रह में पांच फीसद बढ़ोतरी, सरकार ने जुटाया 16.32 लाख करोड़ रुपये का राजस्व
कंपनी कानून के तहत एक निश्चित सीमा से अधिक लाभ वाली कंपनियों को सीएसआर मद में बीते तीन वर्षो के शुद्ध लाभ के औसत का दो फीसद खर्च करना अनिवार्य है। इसके उल्लंघन को इस वर्ष 22 जनवरी से अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बीते वित्त वर्ष के दौरान सरकार के शुद्ध टैक्स संग्रह में पांच फीसद बढ़ोतरी हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को एक लिखित जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान प्रत्यक्ष और परोक्ष कर को मिलाकर कुल टैक्स संग्रह करीब पांच फीसद बढ़कर 14.24 लाख करोड़ रुपये रहा। उससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह 13.56 लाख करोड़ रुपये रहा था। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष व परोक्ष कर संग्रह को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें कर चोरी को रोकने, कर आधार बढ़ाने, मुकदमे घटाने तथा डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने जैसे उपाय शामिल हैं।
हालांकि बीते वित्त वर्ष के दौरान गैर-कर राजस्व 36 फीसद घटकर 2.08 लाख करोड़ रुपये रह गया। उससे पिछले वित्त वर्ष में इस मद में सरकार ने 3.27 लाख करोड़ रुपये रह गया। बीते वित्त वर्ष के दौरान सरकार का कर और गैर-कर राजस्व 3.09 फीसद गिरकर 16.32 करोड़ रुपये रह गया।एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सीतारमण ने बताया कि कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) नियमों में उल्लंघन से संबंधित 366 मामलों में कंपनी कानून के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है।
कंपनी कानून के तहत एक निश्चित सीमा से अधिक लाभ वाली कंपनियों को सीएसआर मद में बीते तीन वर्षो के शुद्ध लाभ के औसत का दो फीसद खर्च करना अनिवार्य है। इसके उल्लंघन को इस वर्ष 22 जनवरी से अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है।
EPFO ने शेयरों में किया 7,715 करोड़ रुपये निवेश
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने इस वर्ष अप्रैल-जून तिमाही में शेयरों में 7,715 करोड़ रुपये का निवेश किया है। श्रम व रोजगार राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा को सोमवार को यह जानकारी दी। हालांकि उन्होंने कहा कि ईपीएफओ किसी शेयर विशेष में नहीं, बल्कि ईटीएफ मैन्यूफैक्चरर्स (एसबीआइ-म्यूचुअल फंड व यूटीआइ-म्यूचुअल फंड) के माध्यम से सिर्फ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में निवेश करता है। ईपीएफ के ट्रस्टी बोर्ड द्वारा अनुमोदित और सरकार द्वारा अधिसूचित नियमों के अनुसार ईपीएफओ अपना अधिकतम 15 फीसद निवेश शेयरों में कर सकता है।
एनएचएआइ ने जुटाए तीन लाख करोड़ से अधिक
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा जुटाई गई कुल रकम इस वर्ष मार्च के आखिर में 3,06,704 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा को यह जानकारी देते हुए कहा कि बीते वित्त वर्ष के दौरान एनएचएआइ ने 18,840 करोड़ रुपये का ब्याज चुकाया है। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न् न्यायाधिकरणों में मध्यस्थता के 140 मामले चल रहे हैं। इनमें ठेकेदारों ने 91,875.70 करोड़ रुपये और एनएचएआइ ने 44,600 करोड़ रुपये के दावे किए हुए हैं।