EPJL के खिलाफ NCLT ने दिवालिया प्रक्रिया की दी मंजूरी

इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड के तहत एनसीएलटी ने ईपीजेएल द्वारा संपत्तियों के हस्तांतरण या बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है

By Surbhi JainEdited By: Publish:Tue, 17 Apr 2018 10:08 AM (IST) Updated:Tue, 17 Apr 2018 10:08 AM (IST)
EPJL के खिलाफ NCLT ने दिवालिया प्रक्रिया की दी मंजूरी
EPJL के खिलाफ NCLT ने दिवालिया प्रक्रिया की दी मंजूरी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने कर्ज में डूबी एस्सार पावर झारखंड लिमिटेड (ईपीजेएल) के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी है। कंपनी को कर्ज देने वाले आइसीआइसीआइ बैंक के अनुरोध पर यह फैसला किया गया। एनसीएलटी की प्रधान पीठ ने एक अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति की है।

इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) के तहत एनसीएलटी ने ईपीजेएल द्वारा संपत्तियों के हस्तांतरण या बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। जस्टिस एम. एम. कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अपील को स्वीकारते हुए हुजेफा फाखरी सितबखान को अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) नियुक्त किया। फैसले की प्रति एनसीएलटी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।

आइसीआइसीआइ बैंक के मुताबिक, कंपनी पर .29 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। एनसीएलटी ने कहा कि ईपीजेएल से जुड़े कर्मी या इसके प्रमोटर या प्रबंधन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति कंपनी से जुड़े मामलों के प्रबंधन के दौरान जरूरत पड़ने पर आइआरपी की सहायता करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य होंगे।

आलोक इंडस्ट्रीज के लिए कोई प्लान नहीं हो सका मंजूर

आलोक इंडस्ट्रीज की क्रेडिटर्स कमेटी ने 270 दिन की सीमा पूरी होने के बाद भी कंपनी के लिए किसी रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी नहीं दी है। बीएसई फाइलिंग में कंपनी ने बताया कि कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया की सीमा 14 अप्रैल 2018 को खत्म हो गई।

इलेक्ट्रोस्टील के आइआरपी पर जुर्माना

इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया ने इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड के आइआरपी धैवत अंजारिया पर जुर्माना लगाया है। उन पर कंपनी के एक ऑपरेशनल क्रेडिटर के दावे को नजरअंदाज करने का आरोप है। अंजारिया को अपनी कुल फीस का 10वां हिस्सा जुर्माने के रूप में जमा कराना होगा।

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