एमएसएमई सेक्टर को मिलने लगी पूंजी, बैंकों ने किया 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज आवंटित

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आर्थिक पैकेज में ईसीएलजीएस की सबसे अधिक हिस्सेदारी है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 09:15 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 12:59 PM (IST)
एमएसएमई सेक्टर को मिलने लगी पूंजी, बैंकों ने किया 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज आवंटित
एमएसएमई सेक्टर को मिलने लगी पूंजी, बैंकों ने किया 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज आवंटित

नई दिल्ली, आइएएनएस। सूक्ष्म, लघु व मझोली कंपनियों (एमएसएमई) की लिक्विडिटी से जुड़ी की दिक्कत धीरे-धीरे खत्म हो रही है। सरकार इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत इस सेक्टर की वित्तीय दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर करने के सभी संभव प्रयास कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने एक ट्वीट में बताया कि ईसीएलजीएस के तहत सरकारी व निजी बैंकों ने पहली जुलाई तक 1,10,343.77 करोड़ रुपये के कर्ज आवंटित कर दिए हैं। इससे 52 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज का वितरण भी हो चुका है।

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ट्वीट के मुताबिक 100 प्रतिशत ईसीएलजीएस के तहत पहली जुलाई को खत्म छह दिनों में ही एमएसएमई सेक्टर के कर्ज आवंटन में 10,000 करोड़ रुपये का इजाफा दर्ज किया गया। इन छह दिनों में कर्ज वितरण में भी 7,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

UPDATE:

As of July 1, the total amount sanctioned under the 100% Emergency Credit Line Guarantee Scheme by #PSBs and private banks stands at Rs 1,10,343.77 crore, of which Rs 52,255.53 crore has already been disbursed. Here is the break-up: #AatmanirbharBharat #MSMEs pic.twitter.com/fUEd9OxUZw — NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) July 3, 2020

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आर्थिक पैकेज में ईसीएलजीएस की सबसे अधिक हिस्सेदारी है। एमएसएमई सेक्टर को कर्ज मिलने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए वित्त मंत्री और मंत्रालय नियमित अंतराल पर बैंकों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं। इस पैकेज का मकसद 30 लाख से अधिक छोटी-मझोली कंपनियों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद कारोबार दोबारा शुरू करने में होने वाली वित्तीय दिक्कतों से निजात दिलाना है।

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